शास्त्री अस्पताल से कोरोना वैक्सीन पार करने की कोशिश !
चोरों ने खिड़की का कांच तोड़ा, आलमारी गिराकर भीतर प्रवेश करने की कोशिश.

भिलाई. लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, सुपेला के जिस कक्ष में कोरोना वैक्सीन फ्रीजर में रखी गई है, उसके पीछे हिस्से की खिड़की में लगे कांच को शुक्रवार व शनिवार की दरमियानी रात में चोरों ने फोड़ दिया। खिड़की को कव्हर करने के लिए उसके ठीक सामने एक आलमारी रखी गई है, चोरों ने उस आलमारी को भी गिरा दिया। अब वैक्सीन से वे बस चंद कदम दूर थे। इसके बाद भीतर आने के लिए कोशिश किए, लेकिन खिड़की में लगे लोहे के रॉड को तोडऩे में कामयाब नहीं रहे। इस वजह से भीतर पहुंच नहीं पाए।
यह काम होता है इस कक्ष में
चोरों ने परिसर में मौजूद शहरी परिवार कल्याण केंद्र के कक्ष को ही चोरी के लिए चुना। जहां से पूरे दिन कोरोना संक्रमितों को दवा दी जाती है। वैक्सीन रखी हुई है। इसके साथ-साथ ट्रेंसिंग का काम भी इस कक्ष से ही संचालित किया जा रहा है। रजिस्टर वगैरह तमाम यहां मौजूद रहती है। कोरोना से संबंधित काम व प्रभारी अधिकारी डॉक्टर भी इस कक्ष में ही बैठते हैं। इसके अलावा दूसरे कक्ष भी अस्पताल में है, उन पर चोरों ने हाथ नहीं मारा। इस वजह से भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
वैक्सीन अब तक नहीं पहुंची है आम लोगों तक
कोरोना की वैक्सीन इस वक्त सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों व फ्रंट लाइन वर्कर्स को सरकार की ओर से लगाई जा रही है। अब तक कोविडशील्ड वैक्सीन आम लोगों के लिए मार्केट में नहीं पहुंची है। यही वजह है कि दुर्ग में इसे पांच से अधिक सुरक्षा घेरे में रखा गया है। चोरों ने जिस तरह से पूरे अस्पताल में इस कक्ष पर ही हाथ डाला है उससे यह आशंका उठ रही है कि क्या वे कोरोना वैक्सीन चुराकर मन चाहे दाम में बेचने के उद्देश्य से यह काम कर रहे थे।
महंगी है वैक्सीन
अब तक मार्केट में नहीं पहुंचने की वजह से यह बेशकीमती है। वैक्सीन के एक वाल्व में दस डोज होता है। अगर इस तरह के बीस वाल्व भी चोर पार कर देते हैं तो उसके एवज में उनको खासा पैसा मिल सकता था। इसी तरह से दूसरी वैक्सीन भी अस्पताल के दोनों फ्रीजर में मौजूद रहती है। वह भी सुरक्षित नहीं रह गई थी।
वैक्सीन कक्ष में नहीं लगा है सीसीटीवी कैमरा
शहरी परिवार कल्याण केंद्र, सुपेला में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया है। अस्पताल में सुरक्षा के इंतजाम को बेहतर करने के लिए परिसर के चारों ओर सीसीटीवी कैमरा लगाना होगा। जिससे सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता हो सके। अस्पताल के मुख्य भवन में पुलिस के जवान २४ घंटे तैनात रहते हैं, इसके साथ-साथ डॉक्टर व स्टाफ भी मौजूद रहते हैं। बावजूद इसके आखिर चोरों ने खिड़की का कांच तोड़ा, आलमारी गिराया फिर भी किसी ने आवाज नहीं सुनी।
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