भिलाई

Durg एक लापरवाही से दो की गई जान, जांच हुई पूरी, पीडि़त परिवार कर रहा कार्रवाई का इंतजार

दो मामले में जांच प्रतिवेदन जमा है कलेक्टर के पास.

भिलाईOct 17, 2021 / 11:21 am

Abdul Salam

Durg एक लापरवाही से दो की गई जान, जांच हुई पूरी, पीडि़त परिवार कर रहा कार्रवाई का इंतजार

भिलाई. प्रेग्नेंट महिला की निजी अस्पतालों का चक्कर लगाने के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में शिकायत करने वाले परिवार से पत्नी और घर का पहला चिराग भी छिन गया। शिकायत पर जांच कमेटी गठित हुई। इसके बाद बयान हुआ। जांच प्रतिवेदन करीब सप्ताहभर से कलेक्टर के पास भेज दिया गया है। परिवार इंसाफ मिलने की उम्मीद में इंतजार कर रहा है। इसी तरह से मदर-चाइल्ड हॉस्पिटल में एक प्रेग्नेंट से दो हजार मांग करने की शिकायत मिली। मामले में जांच कर प्रतिवेदन सौंपा गया। उस मामले को भी करीब माहभर हो चला है। जिसमें अब तक जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई नहीं हुई है।

यह है मामला
गुजरात से भिलाई के हाउसिंग बोर्ड में आई पूनम नागदेवे (24 साल) प्रेग्नेंट थी। अल सुबह उसको सांस लेने में तकलीफ हुई। वह कार में बैठकर अपने पति के साथ उस निजी अस्पताल पहुंची। जहां दो माह से जांच करवा रहे थे। वहां चिकित्सक नहीं थे, तब मौजूद नर्स व स्टॉफ ने दूसरे अस्पताल ले जाने कहा। दूसरे हॉस्पिटल में चिकित्सक ने जांच किया। उसकी कंडीशन को देखते हुए ऑक्सीजन और एंबुलेंस दिया। तीसरे अस्पताल में पहुंचे तो मरीज को देखने एंबुलेंस तक कोई चिकित्सक नहीं आया और बेड नहीं है कहते हुए दूसरे सेंटर जाने कहा। चौंथे सेंटर में पहुंची लेकिन वहां दाखिल कर इलाज शुरू किए तब तक प्रेग्नेंट ने दम तोड़ दिया।

सख्त कार्रवाई की जरूरत
पीडि़त परिवार का कहना है कि इस तरह के मामले फिर से प्रकाश में न आए, इसके लिए उन पर कार्रवाई करने की जरूरत है, जो इसके लिए जिम्मेदार हैं। पीडि़त परिवार का कहना है कि चिकित्सक नहीं है, बेड नहीं है यह कह कर लौटाया जा रहा है। तब जांच कर इस तरह के मामले में एक्शन लिया जाना चाहिए।

मदर-चाइल्ड हॉस्पिटल में मांगा गया पैसा
मुख्यमंत्री के नाम से कलेक्टर को सौंपे गए शिकायत पत्र में शांति नगर निवासी, दीपा पवन रंगारी ने बताया कि प्रेग्नेंट होने के बाद से लगातार जिला अस्पताल, दुर्ग में जांच करवा रही थी। जब डिलिवरी की डेट आ गई। तब 17 मार्च 2021 को वह जिला अस्पताल गई। यहां सुबह 6 बजे से एडमिट करवाए। लेबर रूम के बरामदे में वह करीब 11 बजे तक थी, तब एक नर्स ने आकर कहा कि खर्चा लगेगा दो हजार रुपए दो। इस पर मरीज ने कहा कि अभी नहीं है, डिलिवरी के बाद दे देंगे। इसके कुछ देर बाद डिलिवरी के लिए आई मरीज को लेबर रूम के बरामदे से बाहर करते हुए अस्पताल से ही बाहर जाने कहा गया।

ब्लडिंग के दौरान कहा हायर सेंटर जाओ
पीडि़ता ने बताया कि बाहर जाने जब कहा तो बाहर आने तक ब्लडिंग शुरू हो चुकी थी। ब्लडिंग के दौरान ही हायर सेंटर जाने कहा गया। इस पर पीडि़ता और उनकी छोटी बहन ने चिकित्सक के कहा कि सुबह 6 बजे से यहां थे, तब क्यों नहीं बताए, अब तक पहुंच जाते। 11 बज चुका है तब जाने कह रहे हो। चिकित्सक ने कहा कि सीनियर चिकित्सक आने के बाद उनके कहने पर कहा है। इस तरह से वे पास के निजी अस्पताल गए। जहां एक ओर दो लाख रुपए कर्ज लेकर जमा किए। इस मामले में भी जांच प्रतिवेदन कलेक्टर के पास जमा है।

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