आरोपी ने दी थी नाबालिग को जान से मारने की धमकी
मामला नंदनी थाना क्षेत्र का है। 13 वर्षीय पीडि़ता किशोरी अपनी दादा-दादी के साथ निवास करती है। 6 नवंबर 2018 की रात किशोरी के दादा-दादी दीपावली की पूजन सामग्री बेचने बाजार गए हुए थे। किशोरी अपनी दो बहनों के साथ घर में थी। इसी दौरान पडोस में निवास करने वाले आरोपी धिरपाल पारधी (36 वर्ष) की बेटी उन्हें अपने घर रात में सोने के लिए ले गई थी। धिरपाल पारधी रिश्ते में बच्चियों का काका है। तीनों बहने अन्य बच्चों के साथ आरोपी के घर में सो रही थी। देर रात को धिरपाल ने पीडि़ता के साथ अनाचार किया। शोर मचाने की कोशिश करने पर आरोपी ने उसका मुंह दबा दिया था। किशोरी से हैवानियत करने बाद आरोपी ने घटना की जानकारी किसी को देने पर जान से मारने की धमकी दी थी।
मामला नंदनी थाना क्षेत्र का है। 13 वर्षीय पीडि़ता किशोरी अपनी दादा-दादी के साथ निवास करती है। 6 नवंबर 2018 की रात किशोरी के दादा-दादी दीपावली की पूजन सामग्री बेचने बाजार गए हुए थे। किशोरी अपनी दो बहनों के साथ घर में थी। इसी दौरान पडोस में निवास करने वाले आरोपी धिरपाल पारधी (36 वर्ष) की बेटी उन्हें अपने घर रात में सोने के लिए ले गई थी। धिरपाल पारधी रिश्ते में बच्चियों का काका है। तीनों बहने अन्य बच्चों के साथ आरोपी के घर में सो रही थी। देर रात को धिरपाल ने पीडि़ता के साथ अनाचार किया। शोर मचाने की कोशिश करने पर आरोपी ने उसका मुंह दबा दिया था। किशोरी से हैवानियत करने बाद आरोपी ने घटना की जानकारी किसी को देने पर जान से मारने की धमकी दी थी।
यह भी पढ़ें
जंगल में मिला जला हुआ नर कंकाल, हत्यारे ने मारने के बाद बोरी में भरकर लाश को लगाया ठिकाने …. तबीयत खराब हुई तब मामले का हुआ खुलासाबलात्कार के दूसरे दिन पीडि़ता की तबीयत बिगड़ गई। दादा-दादी के वापस लौटने पर उसने कमर और पेट में दर्द होने की जानकारी दी। दवा देने पर भी दर्द कम नहीं होने पर पूछताछ में पीडि़ता ने हैवान काका की करतूत को बताया। 8 नवंबर 2018 को मामले की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई गई। रिपोर्ट के आधार पर पीडि़ता का चिकित्सकीय परीक्षण कराने के उपरांत जुर्म दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में की गई सुनवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। प्रकरण पर विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश सरिता दास ने अभियुक्त धिरपाल पारधी उर्फ लंबू (36 वर्ष) को नाबालिग बच्ची के साथ अनाचार करने का दोषी करार दिया। अभियुक्त को धारा 376 (3) के तहत पूरे जीवन काल के लिए कारावास की सजा सुनाई। 5 हजार रुपए के अर्थदण्ड भी सुनाया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। प्रकरण पर विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश सरिता दास ने अभियुक्त धिरपाल पारधी उर्फ लंबू (36 वर्ष) को नाबालिग बच्ची के साथ अनाचार करने का दोषी करार दिया। अभियुक्त को धारा 376 (3) के तहत पूरे जीवन काल के लिए कारावास की सजा सुनाई। 5 हजार रुपए के अर्थदण्ड भी सुनाया।