विशेष सचिव ने कहा कि स्मार्ट कार्ड के माध्यम से कर्मचारी 50 हजार रुपए तक का इलाज करा सकते हैं लेकिन ईएसआईसी के माध्यम से वे गंभीर से गंभीर बीमारी में भी मुफ्त इलाज करा पाएंगे, इसलिए अपनी तनख्वाह का 1.5 प्रतिशत अंशदान कर इससे जुडऩा बेहद उपयोगी है। उन्होंने बताया कि 4.5 प्रतिशत अंशदान नियोक्ता की तरफ से आता है। इस संबंध में उन्होंने कारोबारियों से कहा कि ईएसआईसी से जुड़ जाने के बाद कर्मचारी के मेडिकल केयर की आपको चिंता नहीं रह जाएगी, इसलिए उन्हें इसके लाभ बताकर इससे जोड़े। ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों से उन्होंने कहा कि आप इसका अधिकाधिक प्रचार करें। प्रभारी कलक्टर चंदन कुमार ने बताया कि श्रम विभाग द्वारा नियमित कैंप लगाए जा रहे हैं जहां ईएसआईसी के लाभों के बारे में जानकारी दी जा रही है।
बैठक में ट्रेड यूनियन के एक पदाधिकारी ने बताया कि उन्हें कान में समस्या हो गई थीं और इतना दर्द होता था जैसे कोई सुई चुभा रहा हो। इसका अच्छा इलाज उस समय मुंबई के हिंदूजा अस्पताल में होता था। मैंने ईएसआईसी का लाभ उठाया और मेरा नि:शुल्क इलाज यहां हो गया।