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सेंट्रल जेल के निरीक्षण में अंडर ट्रॉयल रिव्यू कमेटी को सभी व्यवस्थाएं सही मिली

locationभिलाईPublished: Feb 22, 2020 10:32:03 pm

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अंडर ट्रॉयल रिव्यू कमेटी ने सेंट्रल जेल का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान कमेटी के सदस्यों ने जेल में व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ विचाराधीन बंदियों की समीक्षा की।

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दुर्ग@Patrika. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अंडर ट्रॉयल रिव्यू कमेटी (Under trial review committee) ने सेंट्रल जेल (Central jail) का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान कमेटी के सदस्यों ने जेल में व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ विचाराधीन बंदियों (Undertrial prisoner) की समीक्षा की। विधिक सेवा प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक जांच के दौरान सभी व्यवस्थाएं ठीक पाई गई।
सुप्रीम कोर्ट ने रिट पीटिशन पर इस संबंध में आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने रिट पीटिशन पर इस संबंध में आदेश दिया है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पारित दिशा निर्देश जिला न्यायाधीश व विधिक सेवा प्राधिकरण के जिला अध्यक्ष गोविन्द्र कुमार मिश्रा, कलेक्टर अंकित आनंद, एसपी अजय यादव, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मोहन सिंह कोर्राम, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राहुल शर्मा ने सेंट्रल जेल का निरीक्षण किया।
बैरकों के साथ भोजन कक्ष का किया निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान सभी सदस्यों द्वारा केन्द्रीय जेल के भोजन कक्ष, उद्योग कक्ष, सहित विचाराधीन बंदियों के बैरकों में जाकर निरीक्षण किया। विचाराधीन बंदियों से मुलाकात कर उनके न्यायालयीन प्रकरणों की पेशी तिथि व उनके अधिवक्ताओं से संबंधित जानकारी प्राप्त की गई। विचाराधीन बंदियों से उनके स्वास्थ्य व जेल में होने वाले उनके साथ व्यवहार के संबंध में पूछताछ की गई।
सेंट्रल जेल के निरीक्षण में अंडर ट्रॉयल रिव्यू कमेटी को सभी व्यवस्थाएं सही मिली
धारा 436 एक के विचाराधीन बंदियों की ली जानकारी
सदस्यों के द्वारा पुरूष बैरक के साथ-साथ महिला बैरक का भी निरीक्षण किया गया। महिला बैरकों में महिला बंदियों से पूछताछ की गई तथा जिनके बच्चे हैं उनके संबंध में भी जानकारी ली गई। निरीक्षण के दौरान धारा 436 ए दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत विचाराधीन बंदियों की समीक्षा की गई। केन्द्रीय जेल दुर्ग में उक्त धारा के तहत लाभान्वित किए जाने के लिए कोई भी विचाराधीन बंदी नहीं पाया गया।
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