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पढ़ाई के साथ-साथ अब जंगलों की सैर करेंगे स्कूली बच्चे, वन मितान बनकर प्रकृति को सहेजने बढ़ाएंगे एक कदम

locationभिलाईPublished: Jun 11, 2020 05:49:03 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

पर्यावरण को संजोने आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण से जोडऩा बेहद आवश्यक है। इसके लिए एक नवाचारी प्रयोग वन विभाग द्वारा किया जाएगा। लगभग 120 बच्चों का समूह जंगल में टेंट में एक दिन का हाल्ट करेगा।
 

पढ़ाई के साथ-साथ अब जंगलों की सैर करेंगे स्कूली बच्चे, वन मितान बनकर प्रकृति को सहेजने बढ़ाएंगे एक कदम

पढ़ाई के साथ-साथ अब जंगलों की सैर करेंगे स्कूली बच्चे, वन मितान बनकर प्रकृति को सहेजने बढ़ाएंगे एक कदम

दुर्ग. पर्यावरण को संजोने आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण से जोडऩा बेहद आवश्यक है। इसके लिए एक नवाचारी प्रयोग वन विभाग (CG Forest Department) द्वारा किया जाएगा। लगभग 120 बच्चों का समूह जंगल में टेंट में एक दिन का हाल्ट करेगा। यहां वन विभाग के ट्रेनर बच्चों को जंगल के जानवरों, पक्षियों के बारे में बताएंगे। वे यह बताएंगे कि किस प्रकार पारिस्थितिकी का संरक्षण करना मानवता के लिए उपयोगी होगा। जंगल में अलग-अलग तरह के पक्षियों की आवाजें, उनके आवास, उनके समूह में रहने का तरीका, खानपान की विधि आदि बताई जाएगी। कैंप का समय माइग्रेटरी बर्ड का समय होगा, इसलिए उनके डिटेल्स भी बताए जाएंगे। इसमें वन विभाग के प्रमुख अधिकारियों के साथ राजू वर्मा जैसे पक्षी विशेषज्ञ भी बच्चों को पक्षियों के बारे में तथ्य साझा करेंगे।
डीएफओ ने दी विस्तार से जानकारी
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे की अध्यक्षता में इस योजना को लेकर बैठक हुई। डीएफओ केआर बढ़ाई ने विस्तार से प्रोजेक्ट की जानकारी दी।उन्होंने बताया कि ये प्रोजेक्ट किस तरह बच्चों की अभिरुचि जगाने में सहायक हो सकता है। उल्लेखनीय है कि स्कूली विद्यार्थियों में वन, वन्य प्राणी एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के लिए वन मितान कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसके तहत कक्षा 6वीं से 12वीं के छात्र-छात्राओं को प्राकृतिक वातावरण का अनुभव प्रदान कर उन्हें इसके संरक्षण के लिए जागरुक किया जाएगा।
डीएफओ बढ़ई ने बताया कि वन मितान कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को वन वन्य प्राणी एवं पर्यावरण की वन मितान बनाकर उन्हें इसके संरक्षण के लिए प्रेरित करना है। इच्छुक विद्यार्थियों को नेचुरल वॉलेंटियर फोर्स के रूप में विकसित करना है। साथ ही विभाग एवं विभागीय अधिकारियों के कार्य उत्तरदायित्वों एवं चुनौतियों से इन विद्यार्थियों को अवगत कराना है।
शिविर स्थल का चयन
प्रशिक्षण सह जागरूकता शिविर का आयोजन वन्य परिक्षेत्र में स्थित प्राकृतिक सौन्दर्य के स्थल पर किया जाएगा। शिविर का चयन इस प्रकार से किया जाएगा कि विद्यालय से 25 से 30 किलोमीटर के परिक्षेत्र में स्थित हो।
अभिरूचि रखने वाले छात्रों का किया जाएगा चयन
विद्यालय एवं विद्यार्थियों का चयन एवं निर्धारित प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। ऐसे विद्यार्थी जो पर्यावरण के प्रति अभिरूचि रखते हों। विद्यार्थी का चयन वन्य प्राणी पक्षी इत्यादि की समान्य जानकारी के आधार पर होगा। चयनित विद्यार्थी का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। शिविर के लिए कक्षा 6वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को चनित किया जा सकता हैं किन्तु 8वीं एवं 12वीं के विद्यार्थी को सर्वप्रथामिकता दी जाएगी। प्रत्येक परिक्षेत्र में 120 विद्यार्थी का चयन किया जाकर दो चरणों में 60-60 विद्यार्थी के लिए वन मितान कार्यक्रम किया जाएगा।
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