भी जानकारी नहीं है कि वर्तमान में सब इंस्पेक्टर किस थाना में पदस्थ हैं
@Patrika प्रकरण के मुताबिक न्यायालय ने इसके पहले सब इंस्पेक्टर के खिलाफ जमानती और बाद में गैर जमानती वारंट जारी किया था। वारंट तामिल नहीं होने पर न्यायालय ने इसे गंभीरता से लिया और पाटन पुलिस को निर्देश दिया है कि बयान के लिए अब सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर न्यायालय लाया जाए। खास बात यह है कि वारंट तामिल नहीं होने से न्यायालय को इस बात की भी जानकारी नहीं है कि वर्तमान में सब इंस्पेक्टर किस थाना में पदस्थ हैं।
@Patrika प्रकरण के मुताबिक न्यायालय ने इसके पहले सब इंस्पेक्टर के खिलाफ जमानती और बाद में गैर जमानती वारंट जारी किया था। वारंट तामिल नहीं होने पर न्यायालय ने इसे गंभीरता से लिया और पाटन पुलिस को निर्देश दिया है कि बयान के लिए अब सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर न्यायालय लाया जाए। खास बात यह है कि वारंट तामिल नहीं होने से न्यायालय को इस बात की भी जानकारी नहीं है कि वर्तमान में सब इंस्पेक्टर किस थाना में पदस्थ हैं।
2015 में पाटन थाना में नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म की शिकायत
@Patrika अतिरिक्त लोक अभियोजक कमल वर्मा ने बताया कि वर्ष 2015 में पाटन थाना में नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म की शिकायत हुई थी। पाटन पुलिस ने अपहरण और पॉक्सो एक्ट की धारा के तहत एफआईआर कर जांच शुरू की। जांच सब इंस्पेक्टर आरएस राजपूत ने पूरी की और गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया।
@Patrika अतिरिक्त लोक अभियोजक कमल वर्मा ने बताया कि वर्ष 2015 में पाटन थाना में नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म की शिकायत हुई थी। पाटन पुलिस ने अपहरण और पॉक्सो एक्ट की धारा के तहत एफआईआर कर जांच शुरू की। जांच सब इंस्पेक्टर आरएस राजपूत ने पूरी की और गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया।
बयान और प्रतिपरीक्षण होने के बाद अंतिम तर्क करने में हो रहा विलंब
लोक अभियोजक का कहना है कि इस प्रकरण में पुलिस द्वारा बनाए गए गवाहों और पीडि़ता का बयान न्यायालय दर्ज कर चुकी है। विवेचना अधिकारी का बयान और प्रतिपरीक्षण होने के बाद अंतिम तर्क प्रस्तुत करना है। विवेचना अधिकारी के उपस्थित नहीं होने के कारण सुनवाई में देरी हो रही है। @Patrika
लोक अभियोजक का कहना है कि इस प्रकरण में पुलिस द्वारा बनाए गए गवाहों और पीडि़ता का बयान न्यायालय दर्ज कर चुकी है। विवेचना अधिकारी का बयान और प्रतिपरीक्षण होने के बाद अंतिम तर्क प्रस्तुत करना है। विवेचना अधिकारी के उपस्थित नहीं होने के कारण सुनवाई में देरी हो रही है। @Patrika