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पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में भी जागी साप्ताहिक छुट्टी, नए वेतनमान के साथ सुविधाओं की आस

locationभिलाईPublished: Dec 14, 2018 12:56:22 am

Submitted by:

Naresh Verma

किसानों के साथ ही अब पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों में भी उम्मीद जगी है। साप्ताहिक अवकाश और नए वेतनमान की मांग पूरी होने का इंतजार किया जा रहा है।

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पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में भी जागी साप्ताहिक छुट्टी, नए वेतनमान के साथ सुविधाओं की आस

भिलाई . किसानों के साथ ही अब पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों में भी उम्मीद जगी है। साप्ताहिक अवकाश और नए वेतनमान की मांग पूरी होने का इंतजार किया जा रहा है। दरअसल, भाजपा शासनकाल में शिक्षकों के आंदोलन के बाद पुलिस परिवारों ने भी अपने हक को लेकर आंदोलन किया था, लेकिन उनके आंदोलन को दबा दिया गया था। उनकी मांगों को कांग्रेस ने अपने चुनावी एजेंडे में शामिल किया था। छत्तीसगढ़ पुलिस के परिवार हाथों में उनकी मांगों को तख्तियों पर लिखकर सड़कों पर उतर गए थे, लेकिन तात्कालीन सरकार ने उनके पुलिस परिवार पर पुलिस से ही डंडे चलवा दिए थे।
चुनाव जीतने के बाद ही पुलिसकर्मियों ने दी बधाई

पुलिस २० साल की ड्यूटी के बाद एक सिपाही को मात्र 20 हजार रुपए की तनख्वाह मिल रही है। पुलिस परिवार के लोगों की 11 सूत्रीय मांगें थी। जिसका सर्मथन कांग्रेस पार्टी ने किया था। कांग्रेस ने अपने एजेंडे में शामिल कर पुलिस परिवार से वोट मांगे। दुर्ग जिले की विधानसभाओं में कांग्रेस की जीत के बाद मतगणना स्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों ने पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल को बधाई दी थी।
पुलिस परिवार को जेल में डाला था

हर जिले की सीमा में बसों को रोककर चैक किया जा रहा था, ताकि कोई भी पुलिस परिवार आंदोलन में शामिल होने रायपुर न पहुंच पाए। कई को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था। बगैर नौकरी की परवाह किए रायपुर में हो रहे आंदोलन में पुलिस परिवार शामिल हो गया था।
यह प्रमुख मांगें थी

छत्तीसगढ़ के सभी तृतीय वर्ग पुलिस कर्मियों के वेतन व भत्ते केंद्र सरकार के तृतीय वर्ग कर्मचारियों की तरह हों, पुलिस जवानों को आवास की समुचित व्यवस्था उपलब्ध बल के अनुरूप की जाए, शासकीय कार्य के लिए साइकिल भत्ता की जगह पेट्रोल भत्ता कर 2 हजार रुपए दिए जाए, अवकाश की पात्रता को अन्य विभागों की तरह अनिवार्य करें और सप्ताह में एक दिन छुट्टी निश्चित की जाए,पुलिस ड्यूटी 8 घंटे सुनिश्चित की जाए और अतिरिक्त समय कार्य करने पर ओवरटाइम का भुगतान किया जाए, पुलिस किट व्यवस्था को मध्यप्रदेश की तरह बंद कर किट भत्ता दिया जाए, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उच्च मानक के सुरक्षा उपकरण जैसे बुलेट प्रुफ जैकेट व अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराए जाएं, 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके सिपाहियों को पदोन्नति दी जाए, ड्यूटी के दौरान मौत होने पर शहीद का दर्जा देते हुए मध्यप्रदेश की तरह एक करोड़ रुपए की सहायता राशि व परिवार के एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाए, पुलिस कर्मचारियों के परिवार को मुफ्त इलाज की व्यवस्था प्रदान की जाए।
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