कोरोना संक्रमितों के उपयोग किए चीजों को फेंक रहे बाहर
शंकराचार्य, कोरोना केयर सेंटर, जुनवानी में 170 कोरोना संक्रमितों को दाखिल करने की क्षमता है। वर्तमान में बताया जा रहा है कि यहां बेड खाली नहीं है। इस कोविड सेंटर के गेट के बाहर कुछ पेड़ लगे हुए हैं। कोविड सेंटर से बड़े-बड़े डस्टबिन को कर्मचारी लेकर निकल रहे हैं और इन पेड़ों के किनारे लाकर पलट दे रहे हैं। डस्टबिन में खाना के बहुत सारे पैकेट वाले खाना के उपयोग हुए प्लास्टिक के प्लेट (यूज एण्ड थ्रो वाले) इसके अलावा कटोरी वगैरह भी शामिल हैं। बड़ी संख्या में इसको लाकर डाला जा रहा है, जिसे बाद में मवेशी आकर खा रहे हैं।
हॉस्पिटल के बाहर मरीजों के परिजनों को खड़े होने यही एक है जगह
जुनवानी के कोविड केयर सेंटर के बाहर यही एक जगह है जहां मरीजों के परिजन आकर रात और दिन में खड़े रहते हैं। मरीजों के परिजनों के लिए अस्पताल प्रबंधन ने न तो यहां कुर्सियों की व्यवस्था की है और न रात के लिए प्रकाश की व्यवस्था करने कोई पहल की है। इसके विपरीत अस्पताल के बाहर जिस स्थान पर लोग आकर खड़ते हैं, वहां कोविड सेंटर के कचरे को डंप किया जा रहा है। जिससे यहां मौजूद रहने वाले लोगों को संक्रमण का खतरा बना रहेगा।
वेस्ट के लिए अलग से होता है ठेका
नियम से कोविड मरीजों के उपयोग किए गए चीजों की विनिष्टीकरण के लिए अलग से हॉस्पिटल ठेका कर देता है। ताकि उसके माध्यम से किसी दूसरे को नुकसान न हो। यहां जिस तरह से बड़े-बड़े डस्टबिन से उपयोग किए गए खाने के पैकेट, कटोरे और अन्य वेस्ट को फेंका जा रहा है। उसमें रोक लगाने की जरूरत है।
संक्रमण का रहेगा खतरा
डॉक्टर एसके मंडल, जिला मलेरिया अधिकारी, दुर्ग ने बताया कि कोरोना केयर सेंट्रल में उपयोग किए जाने वाले पीपीई किट समेत तमाम चीजों से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। अस्पताल के बाहर इस तरह से नहीं फेंकना चाहिए।
अलग से हुआ है एग्रीमेंट
इंद्रजीत बर्मन, आयुक्त, नगर पालिक निगम, दुर्ग व नोडल अधिकारी कोविड सेंटर, जुनवानी का कहना है कि कोरोना संक्रमितों से संबंधित वेस्ट को लेकर अलग से बायोमेडिकल वेस्ट का एग्रीमेंट हुआ है। बाहर अगर उनके उपयोग किए किसी भी चीज को डाला जा रहा है तो उनको मना किया जाएगा।