भिलाई

हेल्दी सीजन में दाल खाने की क्या जरूरत, हरी सब्जी हैं ना

इस मौसम में सब्जियों में स्वाद भी अच्छा होता है। लोकल बाडिय़ों की सब्जियां अधिक मात्रा में बाजार में उपलब्ध हैं, ज्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ता।

भिलाईJan 09, 2018 / 11:40 pm

Satya Narayan Shukla

राजनांदगांव. कहते हैं ठंड का मौसम सेहत बनाने का होता है। हरी हरी सब्जियां और कम दाम पर, इसी मौसम में सबसे ज्यादा मिलते हैं। इस मौसम में सब्जियों में स्वाद भी सबसे अच्छा होता है। लोकल बाडिय़ों की सब्जियां अधिक मात्रा में बाजार में उपलब्ध हैं, जिसके लिए ज्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ता।
कम कीमत में अधिक सब्जियां

बाहर से आने वाली सब्जियों में अभी वर्तमान में बींस, मटर, गाजर ही हैं। बाकी सभी उपलब्ध सब्जियां लोकल बाड़ी से बाजार में लायी जा रही है। वर्तमान में ग्राहकों को कम कीमत में अधिक सब्जियां मिल रही है। बरसात और गर्मी के दिनों में सब्जियों की आवक कम होती थी, लोकल बाडिय़ां भी बंद थी तो सब्जियों के दाम बहुत महंगे होते थे। टमाटर जो प्राय: सब्जियों में स्वाद के लिए डाला जाता है 80-100 रूपये किलो तक बिकता था, अब 10 रूपए किलो में आ गया है। वहीं प्याज के दामों में उछाल अभी भी बना हुआ है। वर्तमान में 50 रूपये किलो तक बिक रहा है।
सब्जियों के दाम गिरे
लगभग एक माह पहले गोभी ६0 किलो बिक रही थी किंतु अभी कुछ दिनों से २५-३० रूपये किलो भाव है। इसी तरह प्राय: सभी सब्जियों के दाम कम हो चुके हैं। जिसमें टमाटर 10 रूपये किलो, आलू 10, धनिया खड़ा 30, धनिया पत्ती 30, मेथी 30, मिर्ची 40, कुम्हड़ा 10, पत्ता गोभी 20 से 25, शिमला २५, गाजर २5, बटरा 30-40, भिंडी 30, करेला 30, भाटा 20, लौकी 10-20, सेमी 20-30 रूपये किलो बिक रही है। वहीं भाजियों में पालक, प्याज, गोभी, लाल, मुरई, चौलाई भाजी भी सस्ते दामों में बिक रही है।
रसोईघर सब्जियों से गुलजार
रसोईघर में अभी सब्जियों की कमी नहीं हो रही है। बाजार में हरी और ताजेदार सब्जियां उपलब्ध हैं। रसोईघर में भी अभी वर्तमान में एक अतिरिक्त सब्जी भी बन रही है। हरा मटर सभी सब्जियों में डाला जा रहा है। वहीं गाजर व चना भी बाजार में सस्ते दामों में बिक रही है।
फुटकर व्यापारी कर रहे हैं सेवा
लोकल बाडिय़ों की सब्जी आने से सब्जियों के दाम गिर चुके हैं। प्राय: सभी सब्जी सस्ती बिक रही है। ऐसे में सब्जी विक्रेताओं को लाभ भी कम ही मिल रहा है। विक्रेताओं का कहना है कि साल मेंं 3-4 महीने ही सब्जियों के दाम गिरते हैं, जिसके कारण हम सब्जी व्यापारियों को लाभ बहुत कम ही मिलता है या कहें कि 3-4 महीने हम व्यापारी सस्ती सब्जी उपलब्ध कराकर ग्राहकों की सेवा करते हैं।
प्याज के दामों में उछाल
पिछले कई महीनों से प्याज के दामों में उछाल देखी जा रही है, अब और भी बढ़ चुकी है। प्याज पिछले कुछ महीनों से ४० रूपये किलो बिक रहा था, अब बढ़कर 45-50 रूपये किलो तक पहुंच गया है। जैसे-जैसे गर्मी नजदीक आएगी प्याज के दाम और भी बढ़ सकते हैं। प्याज के भाव बढऩे की दूसरी वजहों में व्यापारियों द्वारा माल स्टॉक करना, बाजार में माल कम होना माना जा सकता है।
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