scriptजब हाथ में तलवार लिए घोड़े पर निकली रानी लक्ष्मी बाई तो लोग देखते ही रह गए, पढि़ए पूरी खबर | When Rani Lakshmi Bai who came to the horse for a sword in hand | Patrika News

जब हाथ में तलवार लिए घोड़े पर निकली रानी लक्ष्मी बाई तो लोग देखते ही रह गए, पढि़ए पूरी खबर

locationभिलाईPublished: Nov 19, 2017 03:24:24 pm

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती के मौके पर यहां वीरांगना रैली का आयोजन किया गया।

Jayanti of Maharana Laxmibai
राजनांदगांव. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती के मौके पर यहां वीरांगना रैली का आयोजन किया गया। इस मौके पर स्कूली बच्चों ने खुद को रानी लक्ष्मीबाई के वेशभूषा में ढालकर देशभक्ति के अहसास को जागृत करने का काम किया। आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की ओर से किया गया।
महारानी लक्ष्मीबाई की 182 वीं जयंती

राजनांदगांव के जयस्तंभ चौक में महारानी लक्ष्मीबाई की 182 वीं जयंती के मौके पर आयोग ने एक वृहद कार्यक्रम आयोजित किया। वीरांगना रैली के लिए बड़ी संख्या में बच्चे महारानी लक्ष्मीबाई सी वेशभूषा में यहां पहुंची। सिर में साफा और हाथ में तलवार लिए बच्चों में गजब का उत्साह देखने मिल रहा था। बच्चों के लिए इस तरह की वेशभूषा की व्यवस्था आयोग की सदस्य डॉ. रेखा मेश्राम और उनकी टीम की ओर से की गई थी।
घोड़े रहे आकर्षण
जयस्तंभ चौक से लेकर शहर के कई हिस्सों में भ्रमण के दौरान सामने घोड़ों में सवार वेशभूषा में सजीं स्कूली छात्राएं मुख्य आकर्षण का केन्द्र लग रही थीं। उनके पीछे पीछे चल रही छात्राएं जनजागरूकता संबंधी नारे लिखे तख्तियां रखी हुई थीं। करीब 50 छात्राएं रानी लक्ष्मीबाई की वेशभूषा में सजी हुई थीं।
नाटक, गीत, भाषण भी
स्कूली बच्चों ने महारानी लक्ष्मीबाई के जीवन प्रसंग से संबंधित नाटक की प्रस्तुति भी दी। बच्चियों ने रानी लक्ष्मीबाई को लेकर गीत और भाषण भी प्रस्तुत किया। इस मौके पर मुख्य रूप से नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व अध्यक्ष अशोक शर्मा, हाउसिंग बोर्ड के डायरेक्टर नरेश डाकलिया, खाद्य आयोग के सदस्य अशोक चौधरी, नगर निगम अध्यक्ष शिव वर्मा, पूर्व महापौर अजीत जैन सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
बच्चे रहे भूखे-प्यासे
सुबह 8 बजे से वीरांगना रैली के लिए बच्चों का आना सुबह सात बजे से शुरू हो गया था। जयस्तंभ चौक में बच्चे आ रहे थे और विभिन्न कार्यक्रम हो भी रहा था। करीब सवा नौ बजे रैली निकलनी शुरू हुई। डेढ़ घंटे तक विभिन्न जगहों से घूमती हुई रैली वापस जयस्तंभ चौक पहुंची, जहां कार्यक्रम समाप्त हुआ। इस दौरान बच्चे भूखे-प्यासे रहे। बच्चों के लिए न ही पानी की व्यवस्था थी और न ही कुछ और। हालांकि आयोग की सदस्य डॉ. मेश्राम ने कहा कि बच्चों के लिए नाश्ते की व्यवस्था रखी गई थी लेकिन इस काम में विलंब होने के कारण सारे बच्चों को यह वितरित नहीं किया जा सका।
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