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कठघरे में खड़े अभियुक्त पर अबोध बच्ची की नजर पड़ी तो डर कर रोने लगी, अब जीवनभर जेल में सड़ेगा

locationभिलाईPublished: Aug 08, 2019 12:03:15 am

अदालत में सुनवाई के दौरान मासूम की नजर कठघरे में खड़े अभियुक्त पर पड़ी तो वह डर कर रोने लगी। जैसे तैसे मासूम को चुप कराकर न्यायालय ने घटना के बारे में जानकारी ली। दुष्कर्म का दोष साबित होने पर अभियुक्त प्रेमचंद उर्फ रामू देशलहरे (23) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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कठघरे में खड़े अभियुक्त पर अबोध बच्ची की नजर पड़ी तो डर कर रोने लगी, जीवनभर जेल में सड़ेगा

दुर्ग@Patrika. अदालत में सुनवाई के दौरान मासूम की नजर कठघरे में खड़े अभियुक्त पर पड़ी तो वह डर कर रोने लगी। जैसे तैसे मासूम को चुप कराकर न्यायालय ने घटना के बारे में जानकारी ली। (Court decision news) दुष्कर्म का दोष साबित होने पर अभियुक्त प्रेमचंद उर्फ रामू देशलहरे (23) को (Accused sentenced to life imprisonment)आजीवन कारावास की सजा सुनाई। (Durg district court) न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी ने आजीवन कारावास की सजा को स्पष्ट किया है कि अभियुक्त अपने जीवन के शेषकाल तक जेल में रहेगा। (Durg patrika news) उन्होंने पास्को एक्ट के तहत दोषी युवक को 10 साल की सजा अलग से दी है। साथ ही 7 हजार रुपए अर्थदंड भी सुनाया। अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर 4 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
घर पर अकेली बच्ची को देकर की हैवानियत
ऊतई पुलिस के मुताबिक यह घटना 22 फरवरी 2016 की है। घटना के दिन पीडि़त 5 साल की मासूम घर में अकेली थी। पिता काम करने गया था और मां नहाने के लिए गई थी। बच्ची के अकेले होने का फायदा उठाते हुए अभियुक्त ने मासूम को कोठे में ले जाकर दुष्कर्म किया। उसी समय बच्ची का चाचा आ गया। घर पर भतीजी को न देखकर उसने नाम लेकर आवाज लगाई। आवाज सुनकर अभियुक्त भाग निकला। बच्ची के चाचा ने उसे भागते देख लिया। उसने घटना की जानकारी पहले अपने बड़े भाई यानी बच्ची के पिता को दी। फिर थाने में एफआइआर दर्ज कराई।
गवाहों ने घटना का किया समर्थन
इस मामले में पुलिस ने 13 गवाहों की सूची न्यायालय में प्रस्तुत की थी। गवाहों में डॉक्टर से लेकर स्कूल शिक्षिका शामिल थी। सभी ने घटना का समर्थन किया। वहीं पीडि़ता ने भी घटना की जानकारी न्यायालय में दी।
घटना के बाद हो गया था फरार
घटना के बाद पीडि़त परिवार ने अभियुक्त की तलाश की। वह गांव छोड़ भाग गया था। सप्ताह भर बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।
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