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ये क्या एसडीएम ने जब लिया थानेदार का बयान, फिर क्या…पढ़ें खबर

locationभिलाईPublished: Dec 05, 2017 11:40:32 pm

कलक्टर उमेश अग्रवाल ने जिला बाल संप्रेक्षण अधिकारी सुरेन्द्र कौशिक की संविदा अवधि को बढ़ाने पर रोक लगाते हुए सेवामुक्त कर दिया है।

Baal samprekshan grih
दुर्ग . पुलगांव स्थित बाल संप्रेक्षणगृह के प्लेस ऑफ सेफ्टी में उपद्रव के बाद अपचारी बालक की हत्या के मामले में जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है। कलक्टर उमेश अग्रवाल ने जिला बाल संप्रेक्षण अधिकारी सुरेन्द्र कौशिक की संविदा अवधि को बढ़ाने पर रोक लगाते हुए सेवामुक्त कर दिया है। वहीं मामले में दंडाधिकारी जांच भी चल रही है। जांच अधिकारी एसडीएम यूएस अग्रवाल ने मंगलवार को पुलगांव टीआई नरेश पटेल का बयान दर्ज किया। खास बात यह है कि प्लेस ऑफ सेफ्टी में हुई हत्या के मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग ने घटना पर जिम्मेदार ठहराते हुए जिला बाल संरक्षण अधिकारी को नोटिस जारी किया था।
दोपहर लगभग १२ बजे सुरेन्द्र कौशिक जैसे ही कार्यालय पहुंचे विभाग ने सेवामुक्त आदेश थमा दिया। आदेश को एकपक्षीय कार्यवाही बताते हुए जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी गुरप्रीत कौर से भी मुलाकात की। उल्लेखनीय है कि जिला बाल सरंक्षण अधिकारी के पद पर सुरेन्द्र कौशिक 30 हजार एकमुश्त मासिक वेतन पर १६ फरवरी २०१५ को ज्वाइन किया था। संविदा अनुबंध दो वर्ष के लिए था। फरवरी २०१७ में ही संविदा समाप्त हो गया था।
थानेदार पहुंचे एसडीएम कार्यालय
प्लेस ऑफ सेफ्टी में हुई हत्या के मामले में कलक्टर ने दंडाधिकारी जांच का आदेश दिया है। डाक्टरों व पीडि़त परिवार का बयान दर्ज करने के बाद जांच अधिकारी ने मंगलवार को एफआईआर की जांच कर रहे पुलगांव टीआई को तलब किया था। टीआई ने एसडीएम कार्यालय पहुंच बयान दर्ज कराया। बयान लेने की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद एसडीएम रिपोर्ट कलक्टर को सौंपेंगे।
15 दिन के अंदर मांगा था जवाब?
इस पूरे मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त एम गीता ने घटना के पीछे जिम्मेदार अधिकारी -कर्मचारी के खिलाफ की कार्यवाही का विवरण 15 दिनों के भीतर मांगा था। साथ ही नौ बिन्दुओं पर जानकारी के आलावा दण्डाधिकारी जांच प्रतिवेदन भी मांगा था। खास बात यह है कि एक माह बीतने के बाद भी अब तक न तो जांच पूरी हुई और न ही प्रतिवेदन भेजा गया है।
इसलिए जिला बाल संरक्षण अधिकारी दोषी
१. स्वयं के कार्यालय के अलावा बाल संप्रेक्षण गृह के कार्य का संपादन समय पर नहीं करना।
२. बाल संप्रेक्षण गृह, प्लेस ऑफ सेफ्टी और विशेष गृह का प्रतिदिन निरीक्षण नहीं करना।
३. प्रतिदिन कार्योका प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करना।
४. पिछले एक माह से निर्देश के बाद भी बच्चों के लिए साइकेट्रिक, चिकित्सक व मनोविशेषज्ञ की व्यवस्था नहीं करना।
५. प्लेस ऑफ सेफ्ट में रह रहे बालकों के जमानत पर विचार और प्रकरणों के त्वरित निराकरणके लिए प्रयास नही करना।
६ तीनो ही सेल का प्रतिदिन निरीक्षण रिपोर्टप्रस्तुत नहीं करना
भागे बच्चे अब तक नहीं लौटे
घटना के दिन ३१ अक्टूबर को प्लेस ऑफ सेफ्टी में कुल १८ बच्चे थे। घटना के बाद प्लेस ऑफ सेफ्टी से दो अपचारी बच्चे भाग निकले। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक भागे बच्चे अब तक नहीं लौटे है। बच्चों की खोजबीन के लिए विभाग के अधिकारियों ने परिजनों और संबंधित पुलिस को सूचना अवश्य दी थी।

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