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किसने कहा, पुलिस प्रशिक्षण के लिए होना चाहिए एक विश्वविद्यालय

locationभिलाईPublished: Dec 17, 2018 12:22:04 pm

Submitted by:

Mohammed Javed

राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद के पूर्व निदेशक व नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के डीजी रहे राजीव माथुर भी बतौर वक्ता शामिल हुए

durg police

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भिलाई . मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ शासन में पुलिस सेवा में विभिन्न पदों की जिम्मेदारी निभाने वाले पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजयशंकर चौबे की ७५वीं जयंती पर रविवार को व्याख्यान हुआ। यह कार्यक्रम बीआईटी दुर्ग में हुआ, जिसमें मुख्य वक्ता भारत सरकार के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत थे। जिले के विकास में प्रशासन व पुलिस की भूमिका विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज भी आदिवासी अंचलों में शोषण जारी है। हमारा कर्तव्य है कि हम उनके अधिकारों का संरक्षण करें।
रावत ने कहा किकई बार सरकार ऐसे नए कानून लाती है, जिससे आदिवासियों के अधिकारों में हस्तक्षेप पैदा होता है। ऐसे में यह गवर्नर की जिम्मेदारी होती है कि वे इस कानून को रोकें। चाहे वह जमीन की बात हो या फिर आदिवासी अंचलों में खदान देने का मुद्दा। गवर्नर को अधिकार है कि वे गरीब, निर्धनों के जीवन में हस्तक्षेप न होने दें। इस दौरान जिला एवं सत्र न्यायधीश गोविंद्र मिश्रा, पूर्व मुख्य सचिव सुयोग्य मिश्रा, संभागायुक्त दिलीप वासनीकर, पूर्व संभागायुक्त ब्रजेश मिश्रा, दुर्ग एसएसपी डॉ. संजीव शुक्ला मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. डीएन शर्मा ने किया।
इसलिए बताई विवि की जरूरत
राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद के पूर्व निदेशक व नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के डीजी रहे राजीव माथुर भी बतौर वक्ता शामिल हुए। उन्होंने कहा कि कहा कि बदलते दौर में पुलिस की भूमिका बदल रही है। क्राइम के स्वरूप में भी परिवर्तन आया है। अब जमाना टेक्नोलॉजी का है, जिससे हमारे पुलिस महकमे को अपडेट रहना होगा। अब पुलिस के अधिकारियों व जवानों को नए सिरे से प्रशिक्षण की जरूरत है। इसके लिए एक तरह का पुलिस विश्वविद्यालय बनाने की जरूरत है। जिससे नई चुनौतियों को समझा जा सकता है। कार्यक्रम में शिक्षाविद् व पूर्व मुख्य सचिव रहे शरदचंद्र बेहरा ने भी अपने विचार रखे।
विदेशों में सराही जाती है प्रशासनिक व्यवस्था
उन्होंने कहा कि हमारे देश की प्रशासनिक व्यवस्था को विदेशों में सराहा जाता है। कुछ खामियां जरूर है, बावजूद हमारा शासन तंत्र अच्छी तरह से काम करता है, क्योंकि हम लोकतंत्र में हंै। अब स्थितियां बदली है, इसी तरह हमारे प्रशासनिक ढांचे में भी बदलाव आ रहा है।
मिलकर काम करें पुलिस और प्रशासन
रावत ने पुलिस और प्रशासन को एकजुट होकर विकास की राह बेहतर बनाने की सीख दी। कहा कि जिले के कलक्टर और एसपी में सामंजस्य हो जाए तो बहुत से ऐसे कार्यों को अंजाम दे सकते हैं। पुलिस का काम सिर्फ लॉ एंड
ऑर्डर नहीं है, बल्कि यह विभाग विकास को सहज बनाने में भी मदद करता है।
विकास में न्याय व्यवस्था का अहम किरदार
कार्यक्रम में बतौर वक्ता पहुंचे न्यायमूर्ति टीपी शर्मा ने कहा कि विकास के लिए पुलिस और प्रशासन के साथ न्यायिक व्यवस्था भी अहम भूमिका अदा करती है। किसी के साथ अन्याय न हो इसका ध्यान रखना होता है।
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