इस्तीफा देने के बाद राजनांदगांव में मीडिया से चर्चा पूर्व सांसद देवव्रत शनिवार को राजनांदगांव में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में पत्रकारों से रूबरू हुए। कांग्रेस पार्टी से उन्होंने 29 दिसम्बर को इस्तीफा देने के बाद पहली बार राजनांदगांव में मीडिया से चर्चा कर रहे थे। इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल पार्टी को कमजोर बना रहे हैं। उन्होंंने कहा कि जनता और पार्टी के बीच बढ़ती दूरी को लेकर उन्होंने कई बार राहुल गांधी को भी अवगत कराया, लेकिन जब कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो उन्होंने दूरी बनाना ज्यादा बेहतर समझा।
लहरे गिनने वालों में नहीं
सिंह ने कहा कि कांग्रेस के कार्यक्रमों में उनको मंच पर जगह नहीं मिलती थी। जगह मिल जाए तो बोलने का अवसर नहीं मिलता था। करीब 8 सालों से उनको उपेक्षित सा कर दिया गया था। ऐसे में उन्होंने आत्ममंथन किया और फैसला लिया कि वे समुद्र के किनारे बैठकर लहरें गिनने का काम नहीं कर सकते। तैरने का वक्त आ गया है और पार्टी छोड़ दी।
सिंह ने कहा कि कांग्रेस के कार्यक्रमों में उनको मंच पर जगह नहीं मिलती थी। जगह मिल जाए तो बोलने का अवसर नहीं मिलता था। करीब 8 सालों से उनको उपेक्षित सा कर दिया गया था। ऐसे में उन्होंने आत्ममंथन किया और फैसला लिया कि वे समुद्र के किनारे बैठकर लहरें गिनने का काम नहीं कर सकते। तैरने का वक्त आ गया है और पार्टी छोड़ दी।
नेताओं को न्याय नहीं दिला पाए
उन्होंने कहा कि झीरम घाटी में कांगे्रस की अग्रिम पंक्ति के नेता मारे गए थे और पार्टी के कर्णधार बन बैठे लोग उनको न्याय तक नहीं दिला सके। एक ओर केरल में भाजपा के चार कार्यकर्ता मार दिए गए तो पूरी पार्टी आंदोलन पर उतर आई और दूसरी ओर चार कद्दावर नेताओं की हत्या होती है, कांग्रेस कुछ खास नहीं कर पाती। राज्य के आदिवासी इलाकों में आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं लेकिन कांग्रेस का कोई स्टैंड समझ नहीं आ रहा है।
उन्होंने कहा कि झीरम घाटी में कांगे्रस की अग्रिम पंक्ति के नेता मारे गए थे और पार्टी के कर्णधार बन बैठे लोग उनको न्याय तक नहीं दिला सके। एक ओर केरल में भाजपा के चार कार्यकर्ता मार दिए गए तो पूरी पार्टी आंदोलन पर उतर आई और दूसरी ओर चार कद्दावर नेताओं की हत्या होती है, कांग्रेस कुछ खास नहीं कर पाती। राज्य के आदिवासी इलाकों में आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं लेकिन कांग्रेस का कोई स्टैंड समझ नहीं आ रहा है।
जनता को भरोसा नहीं
जनता राज्य की भाजपा सरकार से आजीज आ चुकी है और कांग्रेस को जिताना चाहती है लेकिन कांग्रेस जनता का भरोसा हासिल नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मॉस बेस पार्टी है लेकिन इसके नेता भाजपा की नकल कर इसे कैडर बेस पार्टी बनाने के चक्कर में जनता से दूर होते जा रहे हैं। अब कांग्रेस में चर्चा और विरोध की जगह नहीं रही है।
जनता राज्य की भाजपा सरकार से आजीज आ चुकी है और कांग्रेस को जिताना चाहती है लेकिन कांग्रेस जनता का भरोसा हासिल नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मॉस बेस पार्टी है लेकिन इसके नेता भाजपा की नकल कर इसे कैडर बेस पार्टी बनाने के चक्कर में जनता से दूर होते जा रहे हैं। अब कांग्रेस में चर्चा और विरोध की जगह नहीं रही है।
विरोध तक नहीं कर पाए
कांग्रेस से नाता तोड़ चुके सिंह ने कहा कि राज्य में नान घोटाले, कुनकुरी घोटाले, गर्भाशय कांड, आंखफोड़वा कांड, नसबंदी कांड, भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दे हैं लेकिन कांगेे्रस भाजपा सरकार को घेरने कुछ नहीं कर पाई।
कांग्रेस से नाता तोड़ चुके सिंह ने कहा कि राज्य में नान घोटाले, कुनकुरी घोटाले, गर्भाशय कांड, आंखफोड़वा कांड, नसबंदी कांड, भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दे हैं लेकिन कांगेे्रस भाजपा सरकार को घेरने कुछ नहीं कर पाई।
जितनी समझ उतनी बात करें
खुद को लेकर कांग्रेस नेता आफताब आलम द्वारा दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि राज्य में और कांग्रेस में वे पार्टी प्रभारी पीएल पुनिया से सीनियर नेता रहे हैं, ऐसे में आलम को उतनी ही राजनीति और बात करनी चाहिए, जितनी उनकी समझ है।
खुद को लेकर कांग्रेस नेता आफताब आलम द्वारा दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि राज्य में और कांग्रेस में वे पार्टी प्रभारी पीएल पुनिया से सीनियर नेता रहे हैं, ऐसे में आलम को उतनी ही राजनीति और बात करनी चाहिए, जितनी उनकी समझ है।