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शाह की सभा में पहुंची महिलाओं ने कहा, जो रखेगा हमारी सुख सुविधाओं का ध्यान अपना वोट उसी को

locationभिलाईPublished: Oct 06, 2018 04:52:25 pm

मेरा सवाल सुनकर पहले वे झिझकती है। एक महिला गोमती बाई कहती है सरकारी गैस सिलेंडर मिलही केहे रिहीस बाबू,मोला अभी तक ले नई मिले हे। इसके बाद तो महिलाएं खुलकर बोलने लगती हैं।

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शाह की सभा में पहुंची महिलाओं ने कहा, जो रखेगा हमारी सुख सुविधाओं का ध्यान अपना वोट उसी को

भिलाई/पत्रिका लाइव. भिलाई-तीन चरोदा का यह दशहरा मैदान है। यहां पर भाजपा महिला मोर्चा का राज्य स्तरीय महिला सम्मेलन हो रहा है। सम्मेलन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आए हुए हैं। सभा स्थल पर खचाखच भीड़ है। गेट से कुछ महिलाएं बाहर निकल रही हैं। मैं उनके करीब पहुंच गया हूं। वे आपस में बातचीत में करती आगे बढ़ रही है। मैंने एक महिला से पूछा दाई कहां से आए हो.. वह ठिठकती है और मुझे देखते हुए बोलती हैं हमन दादर गांव से आय हन। यह गांव चरोदा नगर पालिका का हिस्सा है। यह अहिवारा विधान सभा में आता है। मेरा सवाल सुनकर पहले वे झिझकती है। एक महिला गोमती बाई कहती है सरकारी गैस सिलेंडर मिलही केहे रिहीस बाबू,मोला अभी तक ले नई मिले हे। इसके बाद तो महिलाएं खुलकर बोलने लगती हैं। वे मुझे सरकारी आदमी समझ रही हैं। उनको यह लग रहा है कि नाम पता पूछ रहा हूं इसका मतलब उनको गैस सिंलेडर दिलवा दूंगा। कलिंदरी बाई वर्मा कहती हैं मोरकर खेतखार नइ हे ददा,मजदूरी करथों। राशन कार्ड नइ मिले हे। पेंशन मिलही कहे रिहीसे फेर उहू नई मिलिस। अब उऊ चुनाव होवइया हे, कोन ला वोट देहू..पूछने पर वह कहती है जोन हमर बर ध्यान देही तौन ल वोट देबो। भाजपा ला कि कांग्रेस ला पूछता हूं तो वह कहती है.. देखबो। समूह की अंजली कहती हैं हमला न राशन कारड मिले हे न गैस सिलेंडर देहे। जेकर मनघर पहली ले हावे उही मन ले उऊ देदे। हमन कोन ला बतावन। सरकारी मोबाइल के बारे में पूछता हू तो कहती है एक ठन मोबाइल मिले है। दूसर मन ले दू ठन अउ तीन ठन घलो देहे। महिलाओं का नाम लिखकर मैं आगे बढ़ रहा हूं। सभी ने अपना नाम आगे बढ़कर बताया इस उम्मीद से कि नाम लिखाने से शायद राशन कार्ड और अन्य योजनाओं का लाभ मिल जाए।
इंदिरा आवास बर फारम भराय रिहिस फेर नाम ला काट दिस
देख रहा हूं कुछ महिलाएं आइसक्रीम खाते हुए आपस में हंसी मजाक करते आ रही हैं। रोककर पूछता हैं तो कहती हैं ..हमन कोसमर्रा से आयहन। ये गांव कहां हैं पूछने पर बताती हैं कुरूद के पास यानी कुरूद विधानसभा क्षेत्र से। चुनाव में कोन ला वोट देहू दाई का सोचे हव..,पूछने पर राम्हीन बाई साहू कहती है हमन ला तो कुछु नई मिलेहे। इंदिरा आवास बर फारम भराय रिहिस फेर नाम ला काट दिस। रापा कुदारी घलो मिलही कहि के बताय रहिन उहू नी मिलीस। उसकी साथी लक्ष्मीबाई टोकती है रापा कुदारी दे के योजना हे बंद हो गेहे। नई मिलय। राम्हीन चुप हो जाती है। मोहनी साहू और दीपा बाई एक साथ बोलती है हमन ला मोबाइल मिल गेहे फेर सिलाई मशीन नई मिले हे।
जवाब में सरकारी योजनाओं पर ही बात करती
टिफिन घोल नई देहे। इन महिलाओं को गैस सिलेंडर मिल गया है पर गैस की अधिक कीमत से वे नाराज लगती हैं। मोहनी कहती है 900 से उपर होगे है कइसे भराबो। इनके साथ अन्य महिलाएं दीनबाई, माया साहू, किरण निषाद सब आपना लिखवाती हैं। किरण निषाद कहती है साहब मकान के जरूरत हे। मकान दिलवा देबे। क्षेत्र में सड़क बिजली पानी के सवाल पर रूचि नहीं लेती। जवाब में सरकारी योजनाओं पर ही बात करती हैं। मैं मिलेगा बोलकर आागे बढ़ जाता हूं।
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सरकार को दोष नहीं देती। वह कहती है बंटइया मन गड़बड़ा करथे

गाड़ी के पास कुछ महिलाएं खड़ी हैं अब मैं उनसे मुखातिब होता हूं। कहां ले आहो बहिनी हो… पूछने पर तीन चार महिलाएं एक साथ जवाब देती हैं…पिपरिया ले। यह गांव साजा विधानसभा में है। यहां भी महिलाएं सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से नाखुश हैं। परमीला कहती है सरकार गरीब मन ल राशन कारड देथे। सायाकिल देत हे। मशीन देत हे फेर हमला नई मिलेहे। परमीला इसके लिए सरकार को दोष नहीं देती। वह कहती है बंटइया मन गड़बड़ा करथे। सब अपन-अपन मन ले देथे। हमर असन के कोनो पूछइया नई हे। पास में खड़ी महिला अपना नाम बेदिया बाई बताती है। बेदिया के पास राशन कार्ड है। गैस सिलेंडर भी है। वह अपनी बहू के लिए सिलाई मशीन चाहती है। बोलती है दू घांव ले फारम भरे हन फेर मशीन नई मिलेहे। चुनाव में कौन ले वोट डारहू पूछने पर कहती है रमन सिंह ला। मैं नाम लिखने लगता हूं तो एक महिला अपना नाम हुलसी बताती है और कहती है सरकार नौकरी दे तब तो मतलब है। हमला तो नौकरी चाहिए। चुनाव में वोट देने के बारे पूछता हूं तो कहती है चुनाव होही तिही समय देखबो। महिलाओं को नाम लिखकर मैं आगे बढ़ जाता हूं।
गांव में मोर से छोटे मन ला(मुझ से कम उम्र वालों को) पेशन मिलथे

मैदान के दूसरी ओर कुछ महिलाएं आपस में बात कर रही हैं। मैं उनके पास पहुंच गया हूं। एक बुजुर्ग महिला से पूछता हूं..कोन गांव से आय हव सियान… वह बताती है जेवरा सिरसा ले। यह गांव अहिवारा विधानसभा में है। वह अपना नाम रूपौतीन बताती है। पेशन नहीं मिलने से वह दुखी है। कहती है गांव में मोर से छोटे मन ला(मुझ से कम उम्र वालों को) पेशन मिलथे। मैं दू घांव ले फारम जाम कर डारे हंव मोर ददा, तभो लो पेशन नई मिलथे। मोरकर खेतीखार घलो नई हे। उसकी बाजू मे खड़ी जानबाई कहती है एकेझन रहिथों फेर मोला सिलेडर नई मिलेहे। चुनाव में कामा वोट डारहू पूछने पर कहती है अभी सोचबो। जेकर ले फायदा मिलही तेला जीताबो। लीला निषाद कहती है मोला साइकिल के जरूरत हे। हमर गांव में बहुत झन फारम भरे हे फेर कोनो ला मिले हे ..कोनो ला नई मिलहे। ये गांव में मनमुटाव करई नोहे त काये। देना हे त सरकार सबो झन ल दे। मोबाइल बांटेहे तहू म अइसने हो हे। हमर घर 12 झन हन। एक ठन मोबाइल देहे। दूसर मन हमर मन ले कम हे ओमन ले दू ठन मिलेहे। तभी एक महिला उसके हां में हां मिलाते कहती है अइसने टिफिन बांटे में घलो होहे। कोनो बोलइया नइये। बंटइया मन आदमी चिन-निच के देवत हे। चुनाव में वोट देबर का सोचे हो पूछने पर कहतीं है अभी कइसे बतान। चुनई के समय देखबो।
मोला मोर लाइक काम धंधा सरकार दे देतीस त अच्छा हो जातीस
मेरी नजर एक दिव्यांग पर पड़ती है। लाठी के सहारे वह चला आ रहा है। दोनों पैर से दिव्यांग है। वह अपना नाम सीता राम साहू बताता है। वह चरोदा का रहने वाला है। सीताराम कहता है ट्राइसिकल बर कई घांव फारम भर डरेंव साहब, फेर नई मिलिस। दो झन लइका हे। में कमान नइ सकवं। बाई (पत्नी) काम करे बर जाथे। कइसनों कर के जीवन चलथे। मोला मोर लाइक काम धंधा सरकार दे देतीस त अच्छा हो जातीस। सीताराम की पत्नी को सरकारी मोबाइल मिला है। वह अपना मोबाइल नंबर मुझे लिखने के लिए कहता है। मैं उनका नंबर 97708-19972 नोट करता हूं। वह बैटरी वाली गाड़ी दिलवाने का आग्रह करता है। जाते-जाते पूछ लेता हूं सीताराम वोट कोन ल देबे। जबाव देता है अब कोन ल बतावंव साहब। देखबो चुनाव आही तब।
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