भिलाई

बीएसपी प्रबंधन के कहर से कराह रहा दिव्यांग भाई, बुजुर्ग माता-पिता

उसने बीएसपी सीईओ से परिवार सहित खुदकुशी करलेने पत्र लिखा। तब पहली मंजिल में पंप लगवाए, अब विभाग सुबह पानी देता है, तब बिजली गुल रहती है।

भिलाईApr 17, 2019 / 11:21 am

Abdul Salam

BHILAI

भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र में ऑपरेशन कम टैक्नीशियन (ओसीटी) के पद पर काम करने वाले एक कर्मचारी के ऊपर वाले मकान में पानी नहीं पहुंच रहा था। इस पर उसने बीएसपी सीईओ से परिवार सहित खुदकुशी कर लेने पत्र लिखा। तब प्रबंधन ने पहली मंजिल के आवास में पंप लगवा दिया। अब नगर सेवाएं विभाग सुबह के समय जब पानी देता है, तब बिजली गुल कर दिया जाता है। इस स्थिति में फिर पुरानी समस्या उनके सामने खड़ी हो गई है।
पसीज नहीं रहा प्रबंधन
बीएसपी के इस कर्मचारी का भाई पैर से दिव्यांग है। हर दिन उसे उपर के मकान से नीचे आने जाने के लिए सीढ़ी पर घसीटते हुए आना-जाना पड़ता है। प्रबंधन इसके बाद भी पसीज नहीं रहा है। श्रमिक नेता अगर नगर सेवाएं विभाग के प्रभारी अधिकारी से कह दें कि उनके माता पिता बुजुर्ग हैं, तो तुरंत नीचे का सबसे बढिय़ा मकान उनको एलॉट कर दिया जाता है। इसी तरह कोई परिचित आ जाए, तो उसे भी बेहतर मकान दिया जाता है। एक ओसीटी बार-बार जाकर नगर सेवाएं विभाग के अधिकारियों से बता रहा है कि पानी उपर नहीं आता, भाई दिव्यांग है, तो उसे नीचे का एक मकान देने के स्थान पर अधिकारी पंप लगाकर उससे पीछा छुड़ाने की कोशिश करते हैं।
खुदकुशी के लिए मांगा था इजाजत
ओसीटी के पद पर काम करने वाले एक कर्मचारी ने जब उच्च प्रबंधन को पत्र लिखकर परिवार समेत खुदकुशी करने की इजाजत मांगी थी, तब हड़कंप मच गया था। उच्च प्रबंधन ने बुलाकर भरोसा दिलाया था कि दिक्कत दूर होगी। इसके बाद उसके मकान में एक पंप लगाकर प्रबंधन ने इतिश्री कर दिया।
एक साल से जूझता रहा दिक्कत से
सेक्टर-4 के बीएसपी आवास में ऊपरी मंजिल पर वह रहता है। जहां एक साल से पानी नहीं पहुंच रहा। नीचे जाकर वह बोरिंग से पानी भरकर बुजुर्ग माता-पिता और दिव्यांग भाई के लिए लेकर आता था। ड्यूटी से आने के बाद पूरा समय पानी भरने में जाता था। प्रबंधन नीचे आवास नहीं दिया।
शौच को जाना भी हुआ मुश्किल
ओसीटी ने सोमवार को नगर सेवाएं विभाग के अधिकारी बताया कि घर के एक सदस्य को अगर शौच जाना होता है, तो वे इंतजार करते हैं कि बेटा ड्यूटी से आएगा, तो बोरिंग से पानी लाकर देगा, तब शौच करने जाएंगे। इससे ज्यादा बद्तर स्थिति से कौन गुजर सकता है। ड्यूटी करने के बाद पूरे घर वालों के लिए नहाने व पीने का पानी बोरिंग से लाकर भरना पड़ता है।
जनरेटर दे प्रबंधन
ऊपर के मकानों तक पानी आता नहीं, प्रबंधन ने जो पंप दिया है, उसके के लिए बिजली जरूरी है। प्रबंधन अब या तो जनरेटर का व्यवस्था कर दे, या नीचे का मकान एलॉट करे।
सीढ़ी में चढऩा होता है मुश्किल
भाई दोनों पैर से दिव्यांग है, उसे ऊपर वाले मकान से उतरने में खासी दिक्कत होती है। माता-पिता बुजुर्ग हैं, उनको हॉस्पिटल लेकर जाने के लिए भी नीचे आने व जाने में परेशानी होती है। इस वजह से पीडि़त प्रबंधन से नीचे आवास की मांग कर रहा है।
कब्जेदार कर रहे मौज
बीएसपी के टाउनशिप में करीब 25 हजार आवास हैं। इसमें से करीब 8 हजार मकानों में नियमित कर्मचारी रह रहे हैं। लायसेंस में 1 हजार से अधिक मकान दिए गए हैं। करीब 4 हजार मकान लीज पर दिए गए हैं। इसके अलावा शेष आवासों पर लोग कब्जा कर किराए पर चला रहे हैं। टाउनशिप में बड़े-बड़े मकान कब्जे में हैं और कर्मचारी परेशान हो रहे हैं।
बीएसपी के हजारों मकान पर है कब्जा में :-
बीएसपी के कुल आवास — 35338
एलाट किए गए आवास — 10419
लायसेंस योजना में दिए — 1370
खाली आवासों की संख्या — 4747
अनफिट आवास की संख्या — 3066

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