script… आओ जाने कि भूखे रह कर क्यों बीएमवाय रेलवे रनिंग स्टाफ कर रहा काम | Why the Railway Running staff doing the job is hungry | Patrika News

… आओ जाने कि भूखे रह कर क्यों बीएमवाय रेलवे रनिंग स्टाफ कर रहा काम

locationभिलाईPublished: Jul 15, 2019 06:23:02 pm

Submitted by:

Abdul Salam

रेलवे का निजीकरण बंद हो समेत 7 मांग को लेकर चरोदा में 850 रेलवे के रनिंग स्टाफ ने किया प्रदर्शन, सुबह 11 बजे से भूखे रहकर कर रहे काम.

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भिलाई. भारतीय रेल का निगमीकरण, निजीकरण बंद हो समेत 7 मांग को लेकर रेलवे के रनिंग स्टॉफ ने सोमवार को केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भिलाई मार्शलिंग यार्ड (बीएमवाय) चरोदा के लॉबी में रनिंग स्टाफ ने टेंट लगाकर धरना प्रदर्शन भी किया है। रनिंग स्टाफ आज सुबह 11 बजे से भूखे रहकर काम कर रहे हैं। यह भूख हड़ताल उनकी मंगलवार सुबह तक जारी रहेगी। इस दौरान वे चाहे घर में रहें या ड्यूटी पर दोनों हालात में भूखे रहेंगे। सरकार तक अपनी बात को पहुंचाने के लिए उन्होंने यह अहम फैसला लिया है। इससे भारतीय रेल का काम भी प्रभावित नहीं होगा और वे मांग को पूरा करवाने के लिए दबाव भी बनाने में कामयाब हो सकते हैं। वैसे देशभर में ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (एआईएलआरएसए) के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन 15 से 17 जुलाई 2019 तक होना है।
यहां है रिस्क
रनिंग स्टाफ भूखे रहकर काम कर रहा है। इस दौरान अगर लोको पायलट की तबीयत बिगड़ जाती है, तो पैसेंजर में सवार सारे मुसाफिरों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। भारतीय रेल के रनिंग स्टाफ में शुगर और ब्लड प्रेशर की शिकायत आम बात है। भूख और तनाव से यह दोनों बीमारी हावी हो सकती है।
इन मांगों को लेकर किया जा रहा प्रदर्शन

रनिंग स्टाफ जो मांग कर रहा है, उसमें भारतीय रेल का निजीकरण बंद हो। माइलेज भत्ता दर आरएसी १९८० के मुताबिक निर्धारित करो। 1 जनवरी 2016 से पहले रिटायर्ड रनिंग स्टाफ की पेंशन विसंगति दूर किया जाए। छठवीं सीपीसी (1 जनवरी 2016 से पहले) में नियुक्त एएलपी की वेतन कटौती बहाल हो। जुलाई 2016 के बाद प्रमोशन लोको पायलटों का 7 वां सीपीसी मेें वेतन निर्धारण प्रमोशन के बाद किया जाए। औसत रनिंग भत्ते की संशोधित दर लागू कर, बकाया भुगतान जल्द करो। एनपीएस रद्द कर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल किया जाए। इस दौरान मंडल रेल प्रबंधक के क्रू लॉबी के सामने धरना भी दिया जाएगा।
किलोमीटर रेट की लड़ाई अहम
लोको पायलटों की ओर से जयशंकर शर्मा ने बताया कि निजीकरण का विरोध करने के साथ-साथ माइलेज भत्ता दर सिद्धांत (आरएसी 1980) के मुताबिक तय किया जाए। 1 जनवरी 2016 से पहले रिटायर्ड रनिंग स्टाफ की पेंशन विसंगति दूर करो। 6 वें सीपीसी (1 जनवरी 2016 से पूर्व) में नियुक्त एएलपी की वेतन कटौती बहाल करो। जुलाई 2016 के बाद प्रमोशन लोको पायलटों का सातंवा सीपीसी में वेतन निर्धारण प्रमोशन के बाद किया जाए। औसत रनिंग भत्ते की संशोधित दर लागू कर बकाया भुगतान जल्द करो। एनपीएस रद्द कर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल किया जाए।
सातवें पे कमीशन पर न कर सकें धोखा
आरएसी 1980 के फॉर्मूला के लिए रेलवे बोर्ड पर दबाव नहीं बनाया, जो कि वैज्ञानिक तौर पे स्थापित था। रनिंग स्टाफ के लिए सातवें पे कमीशन में फिर से वही धोखाधड़ी न हो उसके लिए यह संघर्ष अहम है।
चरोदा में है अधिक रङ्क्षनग स्टाफ
भूख हड़ताल में शामिल रनिंग स्टाफ पूरा काम समय पर कर रहे हैं, लेकिन भूखे रहकर। चरोदा में इलेक्ट्रिक इंजन के 450 पायलट, डीजल इंजन के 100 पायलट और 300 गार्ड पर इसका असर पड़ेगा। 8 घंटे तक ट्रेन चलाने के बाद चालक, सह चालक व गार्ड को आराम की जरूरत है, यह तर्क भारतीय रेलवे का है। अगर वे भूखा रहकर काम करेंगे और तबीयत बिगड़ गई, तब क्या होगा। खासकर मेमो लोको में एक चालक ही होता है।
फैक्ट फाइल
चरोदा में स्टाफ की संख्या
* चरोदा बीएमवाय में भारतीय रेल के लोको पायलट की संख्या 450 है,
* चरोदा बीएमवाय में भारतीय रेल के 300 गार्ड हैं,
* चरोदा बीएमवाय में भारतीय रेल के 100 डीजल इंजन के पायलट हैं।

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