कृषि कानूनों के विरोध में दुर्ग की महिला किसानों ने खोला मोर्चा, धरना देकर किया दिल्ली आंदोलन का समर्थन
केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में जिले की महिला किसानों ने भी अब मोर्चा खोल लिया है।

दुर्ग. केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में जिले की महिला किसानों ने भी अब मोर्चा खोल लिया है। महिला किसानों ने सोमवार को दिल्ली आंदोलन के समर्थन में जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर कानून वापस लेने की मांग की। महिलाओं ने कृषि उपजों की न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी करने की कानूनी गारंटी देने की मांग भी की। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के बैनर पर जिला के महिला किसानों ने जिला पंचायत भवन के सामने धरना प्रदर्शन किया।
महिला किसानों ने किया संबोधित
महिला किसानों का पहले धरने को अंजोरा की राजेश्वरी देशमुख, चंदखुरी की लता चंद्राकर और बोरई की बिंदु साहू ने संबोधित किया। महिला वक्ताओं ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर भड़ास निकालते हुए कहा कि एक तो किसान संगठनों को विश्वास में लिए बिना कोरोना संक्रमण काल का अनुचित लाभ उठाते हुए संसद में बिल पारित कराकर किसानों पर तीन काला कानून थोप दिया।
131 किसान गवां चुके हैं जान
पूरे देश के किसान संगठन के एकजुट आह्वान पर लाखों किसान तीनों कानून वापस लेने की मांग को लेकर 50 दिन से कड़कड़ाती ठंड में दिल्ली की सीमाओं में आंदोलन कर रहे है। 131 किसान जान गंवा चुके हैं, किंतु सरकार किसानों के निष्ठुर बनकर वार्ता के बहाने किसानों को थकाने का प्रयास कर रही है। महिला किसानों ने तीनों कानूनों को वापस लेने तक संघर्ष जारी रखने की बात कही। महिला किसानों के आज के प्रगर्शन में छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के पुरूष कार्यकर्ता सहयोगी की भूमिका में रहे। धरना प्रदर्शन में बोरई, नगपुरा, ढाबा, अंजोरा, चंदखुरी, साजा, अछोटी आदि गांव की महिला किसान शामिल हुईं।
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