महिला किसानों का पहले धरने को अंजोरा की राजेश्वरी देशमुख, चंदखुरी की लता चंद्राकर और बोरई की बिंदु साहू ने संबोधित किया। महिला वक्ताओं ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर भड़ास निकालते हुए कहा कि एक तो किसान संगठनों को विश्वास में लिए बिना कोरोना संक्रमण काल का अनुचित लाभ उठाते हुए संसद में बिल पारित कराकर किसानों पर तीन काला कानून थोप दिया।
पूरे देश के किसान संगठन के एकजुट आह्वान पर लाखों किसान तीनों कानून वापस लेने की मांग को लेकर 50 दिन से कड़कड़ाती ठंड में दिल्ली की सीमाओं में आंदोलन कर रहे है। 131 किसान जान गंवा चुके हैं, किंतु सरकार किसानों के निष्ठुर बनकर वार्ता के बहाने किसानों को थकाने का प्रयास कर रही है। महिला किसानों ने तीनों कानूनों को वापस लेने तक संघर्ष जारी रखने की बात कही। महिला किसानों के आज के प्रगर्शन में छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के पुरूष कार्यकर्ता सहयोगी की भूमिका में रहे। धरना प्रदर्शन में बोरई, नगपुरा, ढाबा, अंजोरा, चंदखुरी, साजा, अछोटी आदि गांव की महिला किसान शामिल हुईं।