40 फीसदी कम हो गए कर्मचारी
बीएसपी के कोक ओवन में 10 साल के दौरान कर्मियों की संख्या 40 फीसदी कम हो चुकी है। कोक ओवन के कर्मियों का कहना है कि बीएसपी एक एकाकृत संयंत्र है। यहां इस्पात के उत्पादन से जुड़ा जो भी काम होता है, वह एक दूसरे से जुड़ा हुआ होता है।
1200 कर्मचारियों से चल रहा काम
कोक ओवन में पहले जो काम 2000 नियमित कर्मियों से किया जा रहा था। अब उस काम को 1200 कर्मचारी अंजाम दे रहे हैं। यहां कोक के साथ-साथ संयंत्र के लिए गैस का उत्पादन भी किया जाता है। इन सभी कामों के लिए अलग-अलग एक्सपर्ट कर्मियों की जरूरत होती है। अब इसमें से बहुत से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनके स्थान पर नए कर्मियों को लाया नहीं गया है। आउट सोर्सिंग को विकल्प माना जा रहा है।
जान और माल दोनों का खतरा
मैन पावर की कमी होने से एक कर्मी दो-दो काम की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इससे एक जगह वह खुद मौजूद रहता है और दूसरे जगह रिस्क पर कम चल रहा है। अगर कोई दुर्घटना हो जाती है तो उससे उस व्यक्ति की जान को खतरा है और बिना निगरानी के चल रहे उपकरण के खराब होने का खतरा भी बना रहता है। इस तरह से संयंत्र को दोहरा नुकसान है।
शॉप्स में पहुंच रहे ईमानदारी और प्रतिबद्धता का वादा लेकर
सीटू की टीम मंगलवार को मशीन शॉप-1 के असेंबली, टूल रूम, मशीनिंग,मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल सहित सभी अनुभाग में कर्मियों से मिलने पहुंची। यहां कर्मियों ने कहा कि 30 जून 2021 की श्रमिकों की एकजुटता व सीटू का प्रयास ही था जिसके बदौलत एक यूनियन ने 25 फीसदी पक्र्स पर अपनी सहमति देने के बाद पक्र्स 26.5 फीसदी तक पहुंचा पाए। वर्ना 18-20 फीसदी पक्र्स पर ही निपटा दिए जाते। सहायक महासचिव एसएसके पनीकर ने कहा की यूनियन अपने ईमानदारी व प्रतिबद्धता के लिए वचनबद्ध है।
नियमित कर्मियों को बढ़ाने बनाना होगा दबाव
शॉप में कर्मियों ने नियमित कर्मियों की संख्या में भारी कमी पर चिंता व्यक्त किया। इस पर सीटू के पदाधिकारियों ने कहा कि सभी श्रम संगठनों को अपनी निष्क्रियता व टालमटोल के रवैया से बाहर आकर जिम्मेदार भूमिका निभाने की जरूरत है। सभी कर्मियों के सहयोग से ही नियमित कर्मियों की संख्या बढ़ाने प्रबंधन व सरकार पर दबाव बनाना होगा।
दोहरे आचरण श्रमिक संगठन को करता है कमजोर
कर्मियों ने चर्चा के दौरान उन श्रमिक संगठनों पर टिप्पणी की जिन्होंने 30 जून 2021 को श्रमिक एकता को तोडऩे को लेकर प्रयास किए गए थे। इस पर यूनियन के पदाधिकारी ने कहा कि दोहरा आचरण सदैव श्रमिक एकजुटता को कमजोर करता है, इसलिए ऐसे श्रम संगठनों के दोहरे आचरण व मौका परस्ती से बचना चाहिए।
ग्रेच्युटी सीलिंग से हुआ 5 लाख तक नुकसान
बीएमएस ने कर्मियों से मिलकर साफ किया है कि ग्रेच्युटी सीलिंग से कर्मियों को 5 लाख तक का त्वरित नुकसान हो चुका है। लंबे समय में यह नुकसान इससे कई गुना साबित होगा भारतीय मजदूर संघ ग्रेच्युटी सीलिंग के खिलाफ हाई कोर्ट में जाने वाली पहली यूनियन है और उसका मानना है सीलिंग लेस ग्रेजुएटी कर्मियों का अधिकार है जो उन्हें मिलना ही चाहिए।
अफसरों की तर्ज पर मिले अंशदान
सेल की वर्तमान पेंशन स्कीम के तहत कर्मियों 6 फीसदी पेंशन का अंशदान तय किए। अधिकारी वर्ग को पेंशन के अनुदान के रूप में 9 फीसदी तक राशि प्राप्त हो रही। यूनियनों ने इसका आधार असीमित ग्रेच्युटी बताया था। पेंशन के गणना में कर्मियों से स्पष्ट रूप से छल किए। पेंशन में कम अंशदान का कारण असीमित ग्रेच्युटी था तो 2014 में वह कर्मी जिनकी ग्रेच्युटी सीलिंग हो गई थी उन्हें 9 फीसदी अंशदान क्यों नहीं दिए।