यहां करवाया जा रहा ठेका श्रमिकों से स्थाई नेचर का काम
भिलाई स्टील प्लांट में स्थाई नेचर का काम अलग-अलग विभागों में करवाया जा रहा है। जिसमें पुलपिट का संचालन कार्य, लोको ऑपरेटिंग कार्य, पोर्टर, क्रेन, कोक ओवन में पुशिंग और डोर क्लोसिंग जैसे काम हैं। इन कामों को ठेका श्रमिक अंजाम दे रहे हैं।
भिलाई स्टील प्लांट में स्थाई नेचर का काम अलग-अलग विभागों में करवाया जा रहा है। जिसमें पुलपिट का संचालन कार्य, लोको ऑपरेटिंग कार्य, पोर्टर, क्रेन, कोक ओवन में पुशिंग और डोर क्लोसिंग जैसे काम हैं। इन कामों को ठेका श्रमिक अंजाम दे रहे हैं।
2,500 से अधिक ठेका श्रमिक कर रहे स्थाई नेचर के काम
बीएसपी में स्थाई नेचर के काम करीब 2,500 ठेका श्रमिक कर रहे हैं। प्रबंधन इन पदों पर स्थाई भर्ती कर सकता है। कम खर्च में काम हो जाए, इस वजह से ठेका श्रमिकों का सहारा लिया जा रहा है। ठेका श्रमिकों को इतना कम रोजी दिया जाता है, जिससे उनकी जरूरतें भी पूरी नहीं होती। इसका फायदा ठेकेदार व उन अधिकारियों को मिलता है, जिनके अधीन यह काम होता है।
बीएसपी में स्थाई नेचर के काम करीब 2,500 ठेका श्रमिक कर रहे हैं। प्रबंधन इन पदों पर स्थाई भर्ती कर सकता है। कम खर्च में काम हो जाए, इस वजह से ठेका श्रमिकों का सहारा लिया जा रहा है। ठेका श्रमिकों को इतना कम रोजी दिया जाता है, जिससे उनकी जरूरतें भी पूरी नहीं होती। इसका फायदा ठेकेदार व उन अधिकारियों को मिलता है, जिनके अधीन यह काम होता है।
नियमित कर्मचारी करते हैं जवाबदारी से काम
इंटक यूनियन के प्रवक्ता वंश बहादुर सिंह ने कहा कि बीएसपी में काम करने वाला नियमित कर्मचारी हर काम को जवाबदारी से करते हैं, उनको मालूम होता है कि यहां किसी तरह से लापरवाही बरते तो नौकरी जा सकती है। जिस नौकरी से उनका परिवार पल रहा है। वहीं ठेका श्रमिक को अगर काम में किसी तरह की लापरवाही बरतने पर एक ठेकेदार ने निकाला, तो दूसरे ठेकेदार के पास काम मिल जाता है।
इंटक यूनियन के प्रवक्ता वंश बहादुर सिंह ने कहा कि बीएसपी में काम करने वाला नियमित कर्मचारी हर काम को जवाबदारी से करते हैं, उनको मालूम होता है कि यहां किसी तरह से लापरवाही बरते तो नौकरी जा सकती है। जिस नौकरी से उनका परिवार पल रहा है। वहीं ठेका श्रमिक को अगर काम में किसी तरह की लापरवाही बरतने पर एक ठेकेदार ने निकाला, तो दूसरे ठेकेदार के पास काम मिल जाता है।
नियमित कर्मियों की कमी का प्रबंधन कर रहा बहाना
बीएसपी में ठेका श्रमिकों से काम करवाया जा रहा है। प्रबंधन बहाना करता है कि नियमित कर्मचारियों की कमी है, अगर कमी है, तो इसके लिए नई भर्ती की जानी चाहिए। इसके विपरीत कर्मियों पर वीआर लेने के लिए प्रबंधन दबाव बना रहा है। ठेका श्रमिकों से काम करवा कर, कर्मियों की जान जोखिम में डाल रहा है।
बीएसपी में ठेका श्रमिकों से काम करवाया जा रहा है। प्रबंधन बहाना करता है कि नियमित कर्मचारियों की कमी है, अगर कमी है, तो इसके लिए नई भर्ती की जानी चाहिए। इसके विपरीत कर्मियों पर वीआर लेने के लिए प्रबंधन दबाव बना रहा है। ठेका श्रमिकों से काम करवा कर, कर्मियों की जान जोखिम में डाल रहा है।
निजीकरण की ओर बढ़ रहा है कदम
बीएसपी के हर विभाग में ठेका श्रमिकों की संख्या बढ़ते जा रहे ही, वहीं नियमित कर्मियों की संख्या लगातार घट रही है। इंटक ने इस मसले को लेकर विरोध करने का फैसला लिया है।
बीएसपी के हर विभाग में ठेका श्रमिकों की संख्या बढ़ते जा रहे ही, वहीं नियमित कर्मियों की संख्या लगातार घट रही है। इंटक ने इस मसले को लेकर विरोध करने का फैसला लिया है।
आश्रितों को दो नौकरी
महासचिव एसके बघेल ने कहा कि स्थाई प्रकृति के काम ठेका श्रमिकों से कराने का विरोध किया जाएगा। यह कॢमयों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बीएसपी में कर्मी के एक आश्रित को नौकरी देने की मांग भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन आश्रित के बच्चों को चिकित्सा व शिक्षा सुविधा भी उपलब्ध कराए। इसके साथ-साथ नए शव वाहन की व्यवस्था करने की मांग इंटक यूनियन कर रहा है। इसस पर जल्द फैसला नहीं लिया गया, तो कड़े कदम उठाएगी यूनियन।
महासचिव एसके बघेल ने कहा कि स्थाई प्रकृति के काम ठेका श्रमिकों से कराने का विरोध किया जाएगा। यह कॢमयों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बीएसपी में कर्मी के एक आश्रित को नौकरी देने की मांग भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन आश्रित के बच्चों को चिकित्सा व शिक्षा सुविधा भी उपलब्ध कराए। इसके साथ-साथ नए शव वाहन की व्यवस्था करने की मांग इंटक यूनियन कर रहा है। इसस पर जल्द फैसला नहीं लिया गया, तो कड़े कदम उठाएगी यूनियन।
यह थे मौजूद
इस बैठक में पीजूषकर, विजय भिते, एनएस बंछोर, शोभा भल्ला, राजेंद्र पिल्ले, एके विश्वास, चंद्रशेखर सिंह, संजय साहू, वंश बहादुर सिंह, एके रंगारी, शिवशंकर सिंह, राजशेखर, रमाशंकर सिंह, सच्चिदानंद पाण्डेय, सीपी वर्मा, विंसेंट परेरा, व्हीके मजूमदार, ओपी सिंह, पीएस ठाकुर, कौशलेंद्र सिंह, मदनलाल सिन्हा, गुरूदेव साहू, डीपी खरे ममौजूद थे।
इस बैठक में पीजूषकर, विजय भिते, एनएस बंछोर, शोभा भल्ला, राजेंद्र पिल्ले, एके विश्वास, चंद्रशेखर सिंह, संजय साहू, वंश बहादुर सिंह, एके रंगारी, शिवशंकर सिंह, राजशेखर, रमाशंकर सिंह, सच्चिदानंद पाण्डेय, सीपी वर्मा, विंसेंट परेरा, व्हीके मजूमदार, ओपी सिंह, पीएस ठाकुर, कौशलेंद्र सिंह, मदनलाल सिन्हा, गुरूदेव साहू, डीपी खरे ममौजूद थे।