READ: हरिद्वार-उदयपुर एक्सप्रेस के आगे आत्महत्या के लिए आई पत्नी को बचाने मासूम को गोद में लेकर दौड़ता पति, लोको पायलट ने लगाए ब्रेक परशुराम के जयकारे लगाते महाआरती में सैकड़ों समाजजन शामिल हुए। इसी क्रम में परशुराम सर्किल पर ही मंगलवार को सुंदरकांड पाठ तथा बुधवार को हवन व आरती के बाद प्रसाद वितरण होगा।
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भृगुवंशीय भार्गव समाज विवाह सम्मेलन कल
अखिल भारतीय भृगुवंशीय भार्गव समाज सामूहिक विवाह सम्मेलन पुष्कर में 18 अप्रेल को होगा। विवाह समिति पुष्कर के अध्यक्ष बजरंग लाल आसोप ने बताया कि विवाह सम्मेलन में इसमें 26 जोड़े दाम्पत्य सूत्र में बंधेंगे। आखातीज के दिन बिन्दौली भृगुवंशीय धर्मशाला पुष्कर से सुबह साढ़े आठ बजे वैष्णव धर्मशाला, बूढ़ा पुष्कर रोड जाएगी। जहां तोरण, फेरे की रस्म व शाम पांच बजे विदाई कार्यक्रम होगा। दोपहर तीन बजे से सम्मान समारोह होगा जिसमें समाजसेवियों व पदाधिकारियों का सम्मान किया जाएगा।
भृगुवंशीय भार्गव समाज विवाह सम्मेलन कल
अखिल भारतीय भृगुवंशीय भार्गव समाज सामूहिक विवाह सम्मेलन पुष्कर में 18 अप्रेल को होगा। विवाह समिति पुष्कर के अध्यक्ष बजरंग लाल आसोप ने बताया कि विवाह सम्मेलन में इसमें 26 जोड़े दाम्पत्य सूत्र में बंधेंगे। आखातीज के दिन बिन्दौली भृगुवंशीय धर्मशाला पुष्कर से सुबह साढ़े आठ बजे वैष्णव धर्मशाला, बूढ़ा पुष्कर रोड जाएगी। जहां तोरण, फेरे की रस्म व शाम पांच बजे विदाई कार्यक्रम होगा। दोपहर तीन बजे से सम्मान समारोह होगा जिसमें समाजसेवियों व पदाधिकारियों का सम्मान किया जाएगा।
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रेणवास में नगर भ्रमण पर निकले ‘लक्ष्मीनाथ
गेन्दलिया. निकटवर्ती रेणवास में सोमवार को अमावस को फूलडोल महोत्सव के तहत लक्ष्मीनाथ भगवान को छप्पन भोग लगाया। लक्ष्मीनाथ मंदिर में सुबह हवन-अभिषेक हुआ। फूलडोल महोत्सव कमेटी के अनुसार लक्ष्मीनाथ भगवान का बेवाण दिन में चार बजे बड़े मंदिर से बैंड-बाजों के साथ शुरू हुआ, जो मुख्य मार्गों से होते नगर भ्रमण कर भगवान लक्ष्मीनाथ का बेवाण रात्रि 8 बजे राम चौक हनुमानजी के मंदिर पहुंचा। यहां पर भजन संध्या हुई।
रेणवास में नगर भ्रमण पर निकले ‘लक्ष्मीनाथ
गेन्दलिया. निकटवर्ती रेणवास में सोमवार को अमावस को फूलडोल महोत्सव के तहत लक्ष्मीनाथ भगवान को छप्पन भोग लगाया। लक्ष्मीनाथ मंदिर में सुबह हवन-अभिषेक हुआ। फूलडोल महोत्सव कमेटी के अनुसार लक्ष्मीनाथ भगवान का बेवाण दिन में चार बजे बड़े मंदिर से बैंड-बाजों के साथ शुरू हुआ, जो मुख्य मार्गों से होते नगर भ्रमण कर भगवान लक्ष्मीनाथ का बेवाण रात्रि 8 बजे राम चौक हनुमानजी के मंदिर पहुंचा। यहां पर भजन संध्या हुई।