सनातन धर्म से युवाओं को जोडऩेे व धर्म के प्रति आस्था जागृत करने के साथ ही धर्मनगरी के लोगों की सुख, समृद्धि, वैभव व मनोकामना पूर्ति के लिए १०० कुण्डीय गणपति महायज्ञ रविवार से हरिशेवा धाम में शुरू हुआ। संतों के सानिध्य में हाथी-घोड़े व बैंड के बीच 1051 कलशों की यात्रा निकाली गई। महिलाएं सिर पर कलश लिए साढ़े तीन किलोमीटर चली। शोभायात्रा का जगह जगह पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया। इसमें 150 से अधिक ब्राह्मण व महाराजों का दल भगवा वस्त्र पहन शामिल हुए। भगवा झंडियां लिए 300 विद्यार्थी भी शामिल थे। यात्रा पेच के बालाजी मंदिर से शुरू हुई। सरकारी दरवाजा, बाजार नंबर तीन, तोतला भवन, वीर सांवरकर चौक होते हरिशेवा धाम पहुंची।
पहले दिन 2 लाख मंत्र जपे
आयोजन समिति के राधेश्याम अग्रवाल ने बताया, यात्रा के बाद संत त्र्यम्बकेश्वर स्वामी व हरिशेवा धाम के महंत महामंडलेश्वर हंसाराम के प्रतिनिधि संत मायाराम के सानिध्य में काशी, बनारस, इलाहबाद, मेरठ, मुजफ्फर नगर, मथुरा-वृन्दावन के 150 पण्डितों ने यज्ञ शुरू किया। पहले दिन 2 लाख मंत्र जाप किया गया। सैकड़ों लोगों ने आहुतियां दी।
काशी की तर्ज पर हुई आरती
150 पंडित सात दिनों में 13 लाख मंत्रों का जाप करेंगे। कलश यात्रा प्रभारी गोविन्द प्रसाद ने बताया, शाम को काशी की तर्ज पर आरती हुई। सैकड़ो श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। कलश यात्रा में मंगरोप व बनेड़ा की महिलाएं भी शामिल हुई। यज्ञ 22 सितम्बर तक सुबह 8 से 11 व दोपहर 2 से 5.30 बजे तक चलेगा। रोज शाम 5.30 बजे आरती होगी।
150 पंडित सात दिनों में 13 लाख मंत्रों का जाप करेंगे। कलश यात्रा प्रभारी गोविन्द प्रसाद ने बताया, शाम को काशी की तर्ज पर आरती हुई। सैकड़ो श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। कलश यात्रा में मंगरोप व बनेड़ा की महिलाएं भी शामिल हुई। यज्ञ 22 सितम्बर तक सुबह 8 से 11 व दोपहर 2 से 5.30 बजे तक चलेगा। रोज शाम 5.30 बजे आरती होगी।
रामायण दर्शनम कार्यशाला शुरू
विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी कीतीन दिवसीय रामायण दर्शनम कार्यशाला रविवार से बाहेती बगीची में शुरू हुई। श्रद्धा दीदी, ममता मोदानी, वीएस तिवारी, पद्दिमा औदिच्य ने उद्घाटन किया। इसमें रामायण के विभिन्न पात्रों से मातृ भक्ति व पितृभक्ति के संस्मरण लेते मुंबई से आई विवेकानंद केंद्र की कार्यकर्ता श्रद्धा दीदी ने लोगों का मार्गदर्शन किया। कहा, आज यह मुश्किल है कि हम रामायण के बताए अनुसार जीवन जीए, लेकिन यह जितना मुश्किल है उससे अधिक हमारी समाज की संरचना को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी कीतीन दिवसीय रामायण दर्शनम कार्यशाला रविवार से बाहेती बगीची में शुरू हुई। श्रद्धा दीदी, ममता मोदानी, वीएस तिवारी, पद्दिमा औदिच्य ने उद्घाटन किया। इसमें रामायण के विभिन्न पात्रों से मातृ भक्ति व पितृभक्ति के संस्मरण लेते मुंबई से आई विवेकानंद केंद्र की कार्यकर्ता श्रद्धा दीदी ने लोगों का मार्गदर्शन किया। कहा, आज यह मुश्किल है कि हम रामायण के बताए अनुसार जीवन जीए, लेकिन यह जितना मुश्किल है उससे अधिक हमारी समाज की संरचना को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
दीदी ने जगाए गीत व भजन भाव
राजस्थान प्रांत संगठक प्रांजलि दीदी ने गीत व भजन से उपस्थित लोगों में भक्ति भाव जगाए। आनंदालय प्रमुख सुमन बाहेती ने प्रश्नोत्तरी से उपस्थित लोगों का रामायण के बारे में ज्ञान बढ़ाया। आरएल नौलखा, राजेंद्र बाहेती, भगवान सिंह, बलराज आचार्य, डॉ. अर्जुन वैष्णव, सुरेश शर्मा, सत्यम शर्मा, अतुल जैन आदि उपस्थित थे। नि:शुल्क कार्यशाला सोमवार और मंगलवार को शाम चार से छह बजे तक रहेगी। श्रद्धा दीदी सोमवार सुबह आठ बजे गुलमंडी कन्या विद्यालय में युवती कार्यशाला को संबोधित करेंगी। वे कारोई की विनायक विद्यापीठ में बच्चों को मार्गदर्शन भी देंगी।
राजस्थान प्रांत संगठक प्रांजलि दीदी ने गीत व भजन से उपस्थित लोगों में भक्ति भाव जगाए। आनंदालय प्रमुख सुमन बाहेती ने प्रश्नोत्तरी से उपस्थित लोगों का रामायण के बारे में ज्ञान बढ़ाया। आरएल नौलखा, राजेंद्र बाहेती, भगवान सिंह, बलराज आचार्य, डॉ. अर्जुन वैष्णव, सुरेश शर्मा, सत्यम शर्मा, अतुल जैन आदि उपस्थित थे। नि:शुल्क कार्यशाला सोमवार और मंगलवार को शाम चार से छह बजे तक रहेगी। श्रद्धा दीदी सोमवार सुबह आठ बजे गुलमंडी कन्या विद्यालय में युवती कार्यशाला को संबोधित करेंगी। वे कारोई की विनायक विद्यापीठ में बच्चों को मार्गदर्शन भी देंगी।