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एक ओर सरकार जिद्द पर कायम तो कर्मचारी भी झुकने को नहीं तैयार… बेमियादी हुई हड़ताल

locationभीलवाड़ाPublished: Sep 21, 2018 04:37:09 pm

Submitted by:

Jyoti Patel

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एक ओर सरकार जिद्द पर कायम तो कर्मचारी भी झुकने को नहीं तैयार… बेमियादी हुई हड़ताल

भीलवाड़ा. रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल लगातार पांचवे दिन भी जारी रही सरकार और कर्मचारियों में गतिरोध दूर नहीं होने से रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल बेमियादी हो गई है। हड़ताल के कारण शुक्रवार को रोडवेज बसें नहीं चली। लम्बे समय बाद यह हुआ है कि पांच दिनों तक बसों का संचालन नहीं हुआ है। जहां एक ओर सरकार अपनी जिद्द पर कायम है वहीं दूसरी तरह कर्मचारी भी झुकने को तैयार नहीं है। दोनों के बीच यात्री पीसने को मजबूर हो रहा। रोडवेज बंद होने के कारण यात्रियों के पास निजी बस ही एकमात्र साधन बचा है। एेसे में निजी बस मालिक भी चांदी कूटने लग गए हैं। रोडवेज की ओर से कराए गए सर्वे में भी इसका खुलासा हुआ है। रोडवेज ने माना है कि आगार से बसों का संचालन नहीं होने से हर मार्ग पर निजी बस मालिक दोगुने दाम वसूल रहे हैं।
कराया सर्वे, भेजी रिपोर्ट

आगार के मुख्य प्रबंधक ओमप्रकाश चेचाणी ने हड़ताल के बाद आए असर के बारे में जानने के लिए एक सर्वे कराया। इस सर्वे में निजी बस मालिकों यात्रियों से दोगुने दाम वसूल रहे हैं। इस सर्वे कि तुलनात्मक रिपोर्ट बनाकर निगम के कार्यकारी निदेशक (यातायात) को भेजी गई। इस समय निजी बस मालिक भीलवाड़ा से जयपुर के 400, अजमेर 180, गुलाबपुरा 100, उदयपुर 250, राजसमंद 150, गंगापुर 80, कोटा 250, बूंदी 200, बिजौलियां 140, बांसवाड़ा 350, प्रतापगढ़ 250, चित्तौडग़ढ़ 80, ब्यावर 150, बिजयनगर 100, इंदौर 500 तथा रतलाम के 350 रुपए ले रहे हैं। इस तुलना में रोडवेज बसों में किराया काफी कम है। हड़ताल ने तोड़ी कमर हड़ताल से यात्रियों पर ही असर नहीं पड़ रहा, बल्कि ऑटो चालक, होटल संचालक, जलपान गृह समेत कई लोगों की हालत पतली हो गई है। बस स्टैण्ड पर दिनभर सन्नाटा पसरा हुआ है। यात्रियों के साथ ये लोग भी हड़ताल टूटने का इंतजार कर रहे हैं।
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