जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच ने चोरी गई मोटरसाइकिल का बीमा धन देने से मना करने पर नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी के शाखा प्रबंधक को सेवा का दोषी माना। मंच अध्यक्ष रमेशचंद मीना व सदस्य विनती तापडि़या ने निर्णय में बीमा कम्पनी को 23 हजार रुपए बीमाधन और 5 हजार रुपए परिवाद व्यय देने के आदेश दिए।
प्रकरण के अनुसार जयपुर हाल नगर परिषद के क्वार्टर नम्बर दस में रहने वाले महिपाल ढाका ने परिवाद मंच में पेश किया। परिवादी ने मोटरसाइकिल का कम्पनी से बीमा करवा कर प्रीमियम अदा की। 18 सितम्बर 2014 से 17 सितम्बर 2015 तक बीमित समय था। 14 जनवरी 2015 को सरकारी क्वार्टर से वाहन चोरी हो गया।
बीमा कम्पनी व पुलिस को सूचित किया। कोतवाली में मामला दर्ज करवा कर एफआईआर की कॉपी बीमा कम्पनी को देकर बीमित राशि का दावा किया। लेकिन बीमा कम्पनी क्लेम पास करने से यह कहते हुए मना कर दिया कि बीमा कम्पनी और पुलिस को चोरी गए वाहन की सूचना देरी से दी थी। इसलिए क्लेम का भुगतान नहीं किया जा सकता।