150th birth anniversary of Mahatma Gandhi क्षेत्रीय रचनात्मक ग्रामोद्योग विकास समिति गुलाबपुरा के व्यवस्थापक गोवर्धनलाल रांका का कहना है कि 50 फीसदी की छूट की घोषणा से पहली बार की है। छूट सभी जिलों में लागू है। मेले में लोग आ रहे है, लेकिन घूमकर जा रहे हैं। खादी वस्त्रों की फूटकर बिक्री पर विशेष छूट सूती, ऊनी खादी, रेशमी खादी, पॉली वस्त्र एवं पॉली वूल पर उपलब्ध है। छूट खादी ग्रामोद्योग की ओर से पंजीकृत खादी संस्था, समिति की ओर से संचालित बिक्री भंडार, उत्पादन केंद्र एवं प्रदर्शनियों पर मिलेगी। खादी ग्रामोद्योग से जुड़े अधिकारियों की माने तो सरकार की घोषणा से राज्य में खादी उत्पादों की बिक्री में बढ़ोतरी होगी।
रांका का मानना है कि मेला आजाद चौक में लगता तो ज्यादा फायदा होता। पांच साल पहले हर साल खादी मेला लगाया जाता था। वह भी अब बन्द हो गया है। खादी ग्रामोद्योग में लोगों को रोजगार तो दिया जा रहा है, लेकिन खरीदार नहीं होने से संस्थाएं भी नहीं चल पा रही है। हालांकि खादी को सभी लोग पसंद करते है, लेकिन इसे लोगों ने केवल नेताओं की पौशाक मान लिया है।