60 doctor-nursing workers in Corona infected so far in the district in bhilwara
भीलवाड़ा। जिले में मरीजों का उपचार करने के दौरान अब तक ६० चिकित्सक और ३५ नर्सिंगकर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके है। पांच चिकित्सकों के परिजन भी कोरोना संक्रमित हो गए, ऐसे में इनके परिजन भी चिन्तित होने लगे है। पांच नर्सिंग और अन्य कर्मियों की कोरोना से मौत भी हो गई। यहां और ऐसे हुए संक्रमित संस्थान: निजी अस्पताल संक्रमित: मेडिसिन विभाग के डॉक्टर, एक रेजीडेंट। आईसीयू प्रभारी डॉक्टर तथा नर्सिंग स्टॉफ व कर्मचारी कोरोना के शिकार हुए हैं। कारण: दो निजी चिकित्सालय के दो डॉक्टर तो ड्यूटी के दौरान संक्रमण का शिकार हुए हैं, जबकि एक किसी बाहरी व्यक्ति के सम्पर्क में आने से संक्रमित हुए। बाद में अन्य स्टॉफ के सदस्य एक दूसरे के सम्पर्क में आने से संक्रमित हुए। लेकिन यह कहना मुश्किल है कि किस पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने से संक्रमित हुए। ………….. संस्थान: सीएमएचओ, कोरोना सेम्पल कलेक्शन सेन्टर संक्रमित: आरआरटी प्रभारी व कोरोना जांच सेन्टर पर सेम्पल लेने वाले डाक्टर समेत अन्य सदस्य संक्रमित हुए। बाद में आरआरटी प्रभारी की पत्नी, मुखिया के पिता, एक अन्य डाक्टर के परिवार के सदस्य पॉजिटिव होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। कारण: यहां कार्यरत डाक्टर हमेशा कोरोना संक्रमितों के बीच रहते थे। दिन में कई मरीजों से सीधा सम्पर्क होने के कारण संक्रमित हुए। लेकिन परिवार से मिलना-जुलना बना रहने के कारण अन्य सदस्य भी कोरोना संक्रमित हुए। ………………… संस्थान: महात्मा गांधी चिकित्सालय संक्रमित: हर विभाग के डाक्टर, नर्सिंग स्टॉफ, पेरामेडिकल स्टॉफ, समेत अन्य कर्मचारी कोरोना संक्रमित हुए। संक्रमित होने के बाद डाक्टरों ने एमजीएच में ही भर्ती होकर ही अपना उपचार करवाया। कोई भी हाई सेन्टर पर नहीं गया। यह भीलवाड़ा के डाक्टरों के उपचार पर विश्वास था। यहां तक की अस्पताल के अधीक्षक, उनकी डाक्टर पत्नी भी संक्रमित हो चुकी है। कारण: डाक्टर कोरोना वार्डो में संक्रमित रोगियों का उपचार कर रहे थे। उनके साथ हर तरह का स्टॉफ काम कर रहा था। ……………. संस्थान: एमजीएच नर्सिंग स्टॉफ संक्रमित: स्टाफ में करीब दो दर्जन लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें नर्सेज, पैरा मेडिकल स्टॉफ एवं अन्य कर्मचारी शामिल हैं। कारण: कोरोना वार्ड में डाक्टरों के साथ पूरी ईमानदारी के साथ मरीजों को समय-समय पर दवा व भोजन, चाय समेत हर सुविधा उपलब्ध कराई। मरीजों का दिल बहलाने के लिए देशभक्ति गीत तक गाए। ………… इन्हें नहीं बचाया जा सका कोरोना की चपेट में आने के बाद अब तक पांच चिकित्सा और अन्य कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। इनमें कुछ के प्लाज्मा थैरेपी लगाई। जीवन रंक्षक इंजेक्शन भी लगाए गए, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।