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कोरोना में भीलवाड़ा के एक श्रमिक ने बिहार सरकार से मांगी ये मदद, राजस्थान सरकार का दिल पसीजा

locationभीलवाड़ाPublished: Apr 07, 2020 02:45:02 pm

Submitted by:

jasraj ojha

patrika.com/rajsthan news


जसराज ओझा भीलवाड़ा. वस्त्रनगरी में करीब एक लाख से ज्यादा श्रमिक हैं जो अन्य राज्यों के हैं और यहां कपड़ा फैक्ट्रियों में काम करते हैं। इन दिनों लॉकडाउन में काम बंद है तो इनके खाने.पीने का संकट खड़ा हो गया है। स्थानीय प्रशासन की बजाय इनमें से कई लोग अपने राज्यों में वहां के विधायकए सांसदए कलक्टर व वहां की सरकारों के नियंत्रण कक्ष में फोन कर रहे है। एक बिहारी श्रमिक ने तो वहां की सरकार से कुकर मांग लिया। सूचना भीलवाड़ा तक पहुंची और आखिर प्रशासन ने जनसहयोग से कुकर व अन्य राशन उपलब्ध कराकर तुरंत मदद की। ये लोग वहां की सरकार को फोन कर रहे हैं। ऐसे में वहां से भीलवाड़ा कलक्ट्रेट में सूचनाएं आ रही है। इस तरह की सूचनाएं आने पर अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन राकेशकुमार ने एक सेल गठित की है जो अन्य राज्यों के प्रवासी लोगों की ही मदद कर रही है। निर्वाचन शाखा प्रभारी कैलाशचंद्र शर्मा को इसका प्रभारी बनाया है। कंट्रोल रूम पर सूचना आते ही ये तुरंत पहुंचकर राशन उपलब्ध कराते हैं। इसमें बिहार के होशंगाबाद के आदित्य दीक्षित ने बिहार के अतिरिक्त मुख्य सचिव को फोन किया है कि उसके पास खाने का कोई साधन नहीं है। उसने कुकर व अन्य बर्तन की मांग भी की। इस पर एडीएम ने जनसहयोग से कुकरए चम्मचए थालीए चाय छलनी आदि बर्तन व राशन सामग्री उपलब्ध करवाई।
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बेगूसराय कलक्टर ने किया फोन
पुर चुंगीनाके के पास रहने वो और मूलतरू बिहार के नूरसराय जिले के दारूवाड़ा निवासी मनोज कुमार ने वहां के कलक्टर को फोन कर बताया कि खाने.पीने का संकट है। ऐसे में आइएएस कौशलकिशोर ने यहां फोन किया। ऐसे में पूरी राशन सामग्री उपलब्ध कराकर वहां की सरकार को सूचित किया।
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झारखंड के 32 लोगों की मदद
झारखंड के मुकेशकुमार ने वहां की सरकार को शिकायत दी। इस पर यहां हमीरगढ़ उपखंड अधिकारी की टीम पहुंची और 32 लोगों के खाने.पीने का प्रबंध किया। अब तक बिहारए झारखंड, उत्तरप्रदेश, बंगाल आदि राज्यों के कई लोगों की मदद हो चुकी है। ये टीम केवल बाहरी लोगों के खाने.पीने का प्रबंध देख रही है।
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भीलवाड़ा टेक्सटाइल सिटी है। यहां कई श्रमिक अन्य राज्यों के हैं। ये लोग वहां के विधायकए सांसद को फोन कर रहे हैं। ऐसे में हमारे पास कंट्रोल रूम पर वहां के कलक्टर व अन्य अफसरों के फोन आ रहे हैं। हमने एक सेल गठित की है जो केवल बाहरी लोगों को राशन उपलब्ध करा रही है। यहां तक की एक श्रमिक को तो प्रशासन ने जनसहयोग से कुकर व अन्य बर्तन भी उपलब्ध करवाएं ताकि कोई भूखा नहीं रहे।
राकेशकुमार, अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन

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