आदित्य नगर में होगा आचार्य महाश्रमण का प्रवास
भीलवाड़ाPublished: Jun 20, 2021 09:07:33 am
260 साल बाद चातुर्मास को तैयार भीलवाड़ा18 जुलाई को भीलवाड़ा में होगा मंगल प्रवेश9 जुलाई को निम्बाहेड़ा से राज्य में होंगे दाखिल92 बीघा में नया शहर हो रहा तैयार
आदित्य नगर में होगा आचार्य महाश्रमण का प्रवास
भीलवाड़ा।
तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें आचार्य व अहिंसा यात्रा के प्रणेता आचार्य महाश्रमण ने 50 हजार किलोमीटर की पदयात्रा कर इतिहास बनाया। दिल्ली के लाल किले से वर्ष 2014 में अहिंसा यात्रा शुरू करने वाले आचार्य महाश्रमण का 260 साल बाद भीलवाड़ा की धरती पर चातुर्मास होगा। वे 18 जुलाई को तेरापंथ नगर में प्रवेश करेंगे। आचार्य के साथ 250 जैन संत, साध्वियां व मुमुक्षु बहनें है। आचार्य का राजस्थान में प्रवेश 9 जुलाई को निम्बाहेड़ा से होगा।
आचार्य महाश्रमण चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष प्रकाश सुतरिया ने बताया कि आचार्य महाश्रमण एवं जैन संतों के आवास के 105 कक्ष बनाए हैं। ये एक दूसरे से जुड़े हैं। 35 आवासों में आचार्य व संत तथा 65 आवासों में साध्वियां व मुमुक्षु का प्रवास रहेगा।
यह होगी व्यवस्था
तेरापंथ नगर: 42 बीघा जमीन पर बसाया है। 350 भूखण्ड भीलवाडा, मुम्बई, सुरत, अहमदाबाद, चेन्नई, बेंगलूरु आदि के समाजजनों के है। तीन प्रवेश द्वार -आचार्य महाश्रमण, आचार्य तुलसी महाप्रज्ञ व आचार्य भिक्षु भारमल द्वार बनाए गए हैं। इसमें 55 हजार वर्गफीट में 3 गार्डन विकसित किए जा रहे है। 2 हजार पौधे नगर में लगाए हंै। 2 लाख लीटर क्षमता की पानी की टंकी, 3.5 लाख लीटर पानी स्टोरेज टेंक है। 3 बोरिंग है, चम्बल पाइप लाइन डलवा रहे है। टेंकर की व्यवस्था होगी। यहां 25 अस्थाई दुकानें बनाई। आरओ प्लान्ट लगाया जा रहा है। बर्तन भंडार बनाया गया है।
महाश्रमण सभागार: 12 हजार वर्गफीट का सभागार बनाया है। श्रावक सुबह 4 बजे से आचार्य की सेवा, भक्ति कर सकेगे। यहां एक हजार व्यक्ति बैठ सकते हंै। कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार ही लोगों को प्रवेश मिलेगा।
प्रवचन हॉल: प्रवचन सभागार 60 हजार वर्गफीट का पांडाल बनाया है। यहां 10 हजार व्यक्ति बैठने की क्षमता होगी।
भोजन शाला: भोजनशाला का निर्माण 45 हजार वर्गफीट होगा। अलग-अलग समय में 7 से 10 हजार व्यक्ति भोजन कर सकते है।
आदित्य विहार: 50 बीघा जमीन उमराव सिंह संचेती, तिलोक चन्द छाबडा, प्रकाश छाबडा व पराक्रम चौधरी ने चार्तुमास के लिए निशुल्क उपलब्ध कराई है। यहां टूबीएच के 133, वनबीएच के 70, सिंगल कुटीर 400, डोरमेट्री 18 तथा 50 कमरे बाहर से आने वाले लोगों के आवास सुविधायुक्त बनाए है। पार्किंग की पुख्ता व्यवस्था है।
ऐसे मिली नगर बसाने की प्रेरणा
सुतरिया ने बताया कि तेरापंथ नगर बसाने की प्रेरणा उनकी माता सज्जन देवी सुतरिया से मिली। जब आचार्य महाश्रमण के दर्शन करने नेपाल गए थे। बागोर के अडसीपुरा के विजयराज सुतरिया 99 साल के होने के बाद भी आचार्य की सेवा में हर समय तैयार रहते हैं। सुतरिया परिवार ने आचार्य को निवेदन किया कि भीलवाड़ा में तेरापंथ नगर बसाया जाए। आपका चार्तुमास भी तेरापंथ नगर में हो। इस सपने को चित्तौडग़ढ़ रोड़ स्थित आेवरब्रिज के पास साकार किया जा रहा है।
यात्रा कार्यक्रम
8 जुलाई को नयागांव, 9 को निम्बाहेड़ा, 10 को मांगरोल, 11 को अरणियापंथ, 12 को चित्तौडग़ढ़, 13 को पुठौली, 14 गंगरार, 15 हमीरगढ़, 16 मंडपिया, 17 को भीलवाड़ा, 18 को तेरापंथ नगर में प्रवेश होगा।