आचार्य महाश्रमण करेंगे भीलवाड़ा शहर में भ्रमण
भीलवाड़ाPublished: Oct 21, 2021 08:30:29 am
आकांक्षाओं को जीतने वाला इसी जन्म में मुक्त
आचार्य महाश्रमण करेंगे भीलवाड़ा शहर में भ्रमण
भीलवाड़ा।
आचार्य महाश्रमण का भीलवाड़ा चातुर्मास में अब एक माह से भी कम समय शेष रहा है। ऐसे में आचार्य गुरुवार से भीलवाड़ा शहर का भ्रमण करेंगे। इसके तहत शहर की कई कॉलोनियों में आचार्य का पदार्पण होगा। आचार्य गुरुवार प्रात: तेरापंथ नगर से प्रस्थान करेंगे। शहर में भ्रमण करके पुन: मध्यान्ह में तेरापंथ नगर आएंगे। दो दिवसीय भ्रमण के तहत आचार्य नागौरी गार्डन स्थित तेरापंथ भवन, शास्त्रीनगर स्थित अणुव्रत साधना सदन स्कूल, बापूनगर स्थित महाप्रज्ञ सेवा संस्थान, आजाद नगर स्थित महाप्रज्ञ भवन का भ्रमण करेंगे। मुख्य प्रवचन का समय 21 व 22 अक्टूबर को सायं 7.15 बजे अर्हत वंदना के बाद होगा।
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि जीवन आयुष्य कर्म के योग से प्राप्त होता है। सिद्ध जीव के आयुष्य कर्म नहीं होने से जीवन भी नहीं होता है। व्यक्ति के जीवन का परम लक्ष्य होना चाहिए कि जीवन जीते हुए सिद्धत्व को प्राप्त हो जाना। विधान और आचरण यदि उन्नत है तो एक प्रकार से इसी जीवन में मोक्ष है। ज्ञान, पद आदि का अहंकार न करते हुए जो शारीरिक, वाचिक, मानसिक विकारों से मुक्त रहता है, पदार्थो के प्रति आंकाक्षा, लालसा को जो जीत लेता ऐसे व्यक्ति इसी जीवन में मुक्ति को प्राप्त कर सकते हैं। अतीत, अनागत और वर्तमान के संदर्भ में जो चिंता मुक्त रहता है, वह जीवन मुक्त होता है और ऐसे व्यक्ति की साधना उच्च कोटि की हो जाती है।
आचार्य ने शारदीय पूर्णिमा के अवसर पर कहा कि आज का दिवस शुभ है। शरद पूर्णिमा की श्वेतता सबके लिए उदाहरणीय है कि व्यक्ति चंद्रमा की तरह निर्मल बने। व्यक्ति के जीवन में संयम, अहिंसा, ईमानदारी, सरलता और कषाय मंदता की साधना का प्रयास होगा तो शरद श्वेतता का एक आयाम प्राप्त हो सकता है।