scriptकोठारी नदी की सफाई में प्रशासन रहा नाकाम | Administration failed to clean Kothari river in bhilwara | Patrika News

कोठारी नदी की सफाई में प्रशासन रहा नाकाम

locationभीलवाड़ाPublished: May 05, 2019 05:59:45 pm

Submitted by:

Suresh Jain

सांगानेर के युवा कर रहे कोठारी को साफ

mandakini river cleaning

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भीलवाड़ा।


शहर किनारे की कोठारी नदी उद्योग व मानवजनित कचरे को खपाने की जगह बन गई है। उद्योग इसमें दूषित पानी छोड़ रहे हैं तो कॉलोनियों की नालियां भी मिल रही है। आसपास के होटल व हॉस्पिटल अपशिष्ट पदार्थ भी इसी के हवाले कर जाते हैं। कोठारी को प्रदूषण से बचाने का जिम्मेदार प्रशासन आंख मूंदे है। एेसे में सांगानेर क्षेत्र के कुछ युवा आगे आए हैं, जिन्होंने नदी की सफाई का बीड़ा उठाया है।

सांगानेर की स्टडी सर्कल से जुड़े युवाओं ने कोठारी में प्रदूषण पर चिंता जताई व महाराष्ट्र के हिवड़े बाजार नामक आदर्श गांव के निर्माण से प्रेरित हुए व बदलाव का संकल्प लिया। रवि वैष्णव, अंशुल किचड़ा, विशाल वैष्णव, कृष्ण किचड़ा, तरुण सुखवाल, अभिषेक पराशर, मनीष टेलर, साकेत माली, महावीर माली, नरेश पोखरा, सागर सुखवाल जैसे युवाओं ने
कोठारी नदी स्वच्छता अभियान छेड़ा।
रोजाना सुबह श्रमदान
ये रोज सुबह सांगानेर-भीलवाड़ा मार्ग पर पुलिया से कीचड़ एवं गंदगी से अटी कोठरी नदी में उतरते हैं। अपने संसाधन व उपकरणों से नदी से पॉलीथिन, कीचड़, टूटी तस्वीरे व अन्य कचरा निकालते हैं। मार्ग से गुजरते राहगीरों को नदी बचाओ अभियान के लिए प्रेरित भी करते हैं। कोठारी के प्रदूषण का मामला एनजीटी में है। राजस्थान पत्रिका भी लगातार इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाता रहा है।
एेसे मिली प्रेरणा
रवि वैष्णव ने बताया कि अभियान की प्रेरणा सीजीएसटी विभाग सहायक आयुक्त अनिरुद्ध वैष्णव, आदित्य वैष्णव व सूर्यप्रकाश पारीक से मिली। उद्देश्य नदियों का महत्व समझाते हुए कोठारी को प्रदूषित होने से बचाना हैं। शहर किनारे के सभी तट साफ किए जाएंगे। प्रेरणादायी स्लोगन, नारे वं बेरिकेड्स लगाकर नदी में कचरा फेंकने से रोका जाएगा। फिर सौंदर्यकरण किया जाएगा। इसमें पौधरोपण भी किया जाएगा। अभियान से शहर की अन्य संस्थाएं भी जोडऩे की कोशिश करेंगे।

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