छह रंग में जारी होंगे प्रशासन शहरों के संग अभियान के पट्टे
भीलवाड़ाPublished: Sep 20, 2021 09:58:21 pm
भू-उपयोग के अनुसार होगा पट्टों का वितरण
छह रंग में जारी होंगे प्रशासन शहरों के संग अभियान के पट्टे
भीलवाड़ा।
भू-उपयोग के अनुसार पट्टों का वितरण किया जाएगा। प्रशासन शहरों के संग अभियान में दिए जाने वाले पट्टे छह रंग के होंगे। आवासीय क्षेत्र में दिए जाने वाले पट्टे का रंग पीला होगा, व्यावसायिक व पर्यटन क्षेत्र के लिए दिए जाने वाले पट्टे का रंग लाल होगा। वहीं मिश्रित उपयोग की भूमि के लिए नारंगी, संस्थागत उपयोग के लिए नीला व औद्योगिक क्षेत्र में दिए जाने वाले पट्टे का रंग बैंगनी व 69 ए के पट्टे का रंग गेरू रंग होगा। इन्हीं रंगों के आधार पर नगर परिषद शहर का एक नक्शा तैयार करने जा रही है। इस नक्शे में आबादी क्षेत्र, कच्ची बस्ती क्षेत्र, डीनोटिफाइड क्षेत्र, वाणिज्यिक भूमि आदि को दर्शाया जाएगा। इसके लिए नगर परिषद अपने स्तर पर सर्वे करवा रही है। इससे प्रशासन शहरों के संग अभियान में लिए जाने वाले आवेदन व इनकी जांच करने में आसानी होगी।
लिखे होंगे नियम
आवासीय, व्यवसायिक, मिश्रित, संस्थागत, औद्योगिक उपयोग के पट्टों पर कई नियम लिखे होंगे। इसमें पट्टा धारक भूखण्ड को विक्रय अथवा अन्य प्रकार से हस्तान्तरित कर सकेगा तथा भूखण्ड को उप-पट्टे (सब.लीज) पर भी दे सकेगा। भूखण्ड के विक्रय, हस्तान्तरण पर क्रेता के पक्ष में नाम परिवर्तन के लिए निकाय में निर्धारित शुल्क आवेदन के साथ पंजीकृत विक्रय पत्र आदि प्रस्तुत करने होंगे।
ऋण के लिए एनओसी की नहीं होगी आवश्यकता
पट्टाधारक उत्तराधिकारी के मामले में कोई राशि देय नहीं होगी। पट्टे को सरकार, जीवन बीमा निगम, ऋण देने वाली संस्था के पास बंधक (मोर्गेज) रखा जा सकेगा। इसके लिए स्थानीय निकाय के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा ऐसे परंपरागत भवन, जिनमें नीचे दुकानें और ऊपर आवासीय भवन चल हैं, ऐसे भवन मिश्रित भू उपयोग की श्रेणी में माने जाएंगे। परंपरागत भवन, जिनमें पारिवारिक बंटवारे से भवन का मौके पर अर्जित हिस्सा काबिज हो रखा है तथा एक ही भवन में प्रत्येक मंजिल पर हिस्सेदारी से काबिज है। उनका विस्तृत साइट प्लान मय क्षेत्रफल के एवं निर्मित क्षेत्रफल के अनुरूप पृथक से साईट प्लान इस पट्टे के साथ संलग्न होगा, जो इस पट्टे का भाग होगा। यह पट्टा स्वनिर्धारण के आधार पर दिया जाएगा। किसी भी प्रकार के विवाद के लिए पट्टा धारक स्वंय जिम्मेदार होगा।