प्रकरण के अनुसार १६ जुलाई २०१९ को परिजनों के साथ आठ साल की पीडि़त बालिका बाल कल्याण समिति की तत्कालीन अध्यक्ष सुमन त्रिवेदी के समक्ष पेश हुई थी। उसने बताया था कि नौ माह पूर्व पिता की शराब की लत के कारण परेशान होकर मां घर छोड़कर चली गई थी। मां बेटी को साथ ले गई थी। लेकिन कुछ दिनों बाद ही पिता बेटी को वापस ले आया। पिता बेटी को अपने साथ कमरे में सुलाता था। इस दौरान उसने कई बार मासूम बेटी के साथ बलात्कार किया। पीडि़ता ने काकी को शिकायत की थी। उसके बाद काकी पडोसी महिला को साथ लेकर समिति के पास पहुंची। त्रिवेदी ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए पॉक्सो एक्ट में प्रतापनगर थाने में मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने पीडि़ता का मेडिकल करवा कर आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया था। उसके खिलाफ अदालत में चालान पेश किया। विशिष्ट लोक अभियोजक श्रुति शर्मा ने अभियुक्त के खिलाफ गवाह और दस्तावेज पेश करके आरोप सिद्ध किया। अदालत ने दोषी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।