Ban on betel spices and flavored betel nut चौंकाने वाली बात है कि यह भी साफ नहीं हो पाया कि जांच कैसे व किस स्तर की होगी। ऐसे में दुकानदार व अधिकारी भी असमंजस में है। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत इसे जोड़ते मैग्निशियम, कार्बोरेट, निकोटिन तम्बाकूयुक्त अन्य पान मसालों को दायरे में लिया है। निर्धारित मानकों पर खरा नहीं उतरने पर इनके उत्पादन, भण्डारण व वितरण पर अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया गया।
जिले में महज एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी व प्रयोगशाला की कमी होने से गुटखों के नमूने लेकर अजमेर संभाग स्तर पर प्रयोगशाला में भिजवाए जा रहे हैं। एेसे में जांच रिपोर्ट आने तक दुकानदार का पूरा स्टॉक समाप्त हो जाएगा। विभाग नमूनों में 75 प्रतिशत नमूने त्योहारों पर लेता है। अन्य माह में महज 25 प्रतिशत ही नमूने लेने की कार्रवाई की जाती है। इससे लोग बीमारियों को लेकर आशंकित हैं। जिलेभर में करीब २० हजार व्यापारी खाद्य पदार्थ बेचते हैं।
जिले में महज एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी व प्रयोगशाला की कमी होने से गुटखों के नमूने लेकर अजमेर संभाग स्तर पर प्रयोगशाला में भिजवाए जा रहे हैं। एेसे में जांच रिपोर्ट आने तक दुकानदार का पूरा स्टॉक समाप्त हो जाएगा। विभाग नमूनों में 75 प्रतिशत नमूने त्योहारों पर लेता है। अन्य माह में महज 25 प्रतिशत ही नमूने लेने की कार्रवाई की जाती है। इससे लोग बीमारियों को लेकर आशंकित हैं। जिलेभर में करीब २० हजार व्यापारी खाद्य पदार्थ बेचते हैं।
दुकानदार उठा रहे मौके का फायदा
खोमचों एवं दुकानों पर गुटखे एवं तंबाकू उत्पादन लटके नजर नहीं आ रहे, इसके बावजूद बिक्री धडल्ले से हो रही है। प्रतिबंध का असर यह हुआ कि दुकानदारों ने गुटखों को डेढ़ गुना भाव में बेचना शुरू कर दिया। रोक के बाद पान की थड़ी, सरस डेयरी बूथ, परचून और हालसेल दुकानदारों ने जर्दा, गुटखा आदि प्रतिबंधित पान मसाला अब चोरी-छिपे बेचा जा रहा है। दुकानदारों ने जर्दा, गुटखा और फ्लेवर्ड सुपारी सामने से हटाकर पर्दे के पीछे रखकर ग्राहकों को ठग रहे हैं। माल नहीं होने की आड़ में ब्लैक किया जा रहा है। सवाल है कि क्या रोक रहेगी या पहले की तरह सुपारी और मसाला अलग-अलग पाउच बेचने की भांति तोड़ निकाल लिया जाएगा।
खोमचों एवं दुकानों पर गुटखे एवं तंबाकू उत्पादन लटके नजर नहीं आ रहे, इसके बावजूद बिक्री धडल्ले से हो रही है। प्रतिबंध का असर यह हुआ कि दुकानदारों ने गुटखों को डेढ़ गुना भाव में बेचना शुरू कर दिया। रोक के बाद पान की थड़ी, सरस डेयरी बूथ, परचून और हालसेल दुकानदारों ने जर्दा, गुटखा आदि प्रतिबंधित पान मसाला अब चोरी-छिपे बेचा जा रहा है। दुकानदारों ने जर्दा, गुटखा और फ्लेवर्ड सुपारी सामने से हटाकर पर्दे के पीछे रखकर ग्राहकों को ठग रहे हैं। माल नहीं होने की आड़ में ब्लैक किया जा रहा है। सवाल है कि क्या रोक रहेगी या पहले की तरह सुपारी और मसाला अलग-अलग पाउच बेचने की भांति तोड़ निकाल लिया जाएगा।