READ: जज्बे को सलाम: किशोरी ने दिखाई हिम्मत, बाल विवाह की तैयारी कर रहे माता-पिता को करवाया पाबंद यही वजह है कि उन्होंने नए उत्पाद लांच करने, ऑफर देने व ऑफर के प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ी है। साथ ही अक्षय तृतीया के मौके पर दुकानों की सजावट पर भी खास
ध्यान दिया गया है। तेज धूप व गर्मी की वजह से वैसे तो मंगलवार दोपहर को दुकानों पर ज्यादा लोग नजर नहीं आए, पर शाम होते-होते ग्राहकों की भीड़ बढऩे लगी।
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बाल विवाह रोकने की दी जिम्मेदारी अक्षय तृतीया का अबूझ सावा बुधवार को है। ऐसे में इस सावे पर कोई बाल विवाह न हो, इसके लिए प्रशासन भी चाक चौबंद है। पुलिस व प्रशासन ने क्षेत्र में नियुक्त सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बाल विवाह रोकने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अक्षय तृतीया पर गांवों में नाबालिगों के विवाह का अंदेशा बना रहता है।
READ: हरिद्वार-उदयपुर एक्सप्रेस के आगे आत्महत्या के लिए आई पत्नी को बचाने मासूम को गोद में लेकर दौड़ता पति, लोको पायलट ने लगाए ब्रेक इसे रोकने के लिए प्रशासन ने गत दिनों से ही तैयारी कर रखी है। सभी पटवारी, ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों, सेवकों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए है कि वे शादी समारोह पर नजर रखें। पुलिस ने सभी बीट कांस्टेबलों को इसके लिए पाबंद किया है।