शहनाई की मधुर ध्वनि के बीच सभी जोड़े साथ जीने और मरने की कसमें खा रहे थे तो हजारों की संख्या थी वर-वधू को आशीर्वाद देने वालों की। कार्यक्रम को लेकर उत्साह का आलम ही अलग था। यहां लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ तो फिर थमा नहीं। पंडाल में अलग-अलग अग्निकुण्ड बनाए गए। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पहले वरमाला पहनाइ्र गई। इसके बाद सात फेरे और अन्य रस्में पूरी की गईं।
इससे पहले दूल्हनों को बग्गियों व दूल्हों को घोड़ी पर बैठाकर एक साथ बिन्दौली निकाली गई। बाराती ढोल-नगाड़ों व बैंड पर फिल्मी गीतों पर नाचते गाते चल रहे थे। बिन्दौली जब कार्यक्रम स्थल केसरगंज मोहल्ले के चौथ माता मंदिर परिसर पहुंची तो समिति सदस्यों व जनप्रतिनिधियों ने फूल बरसाकर स्वागत किया। फिर विवाह व निकाह हुए।