बिजौलियां।
एक ओर वेद मंत्रों की गूंज तो दूसरी तरफ कलमे का स्वर। अनेकता में एकता की ऐसी मिशाल जो शायद ही कहीं देखने को मिले। पंडित जहां अग्नि को साक्षी मानकर फेरे करवा रहे थे, वहीं बगल में मौलवी निकाह पढ़वा रहे थे। मौका था बिजौलियां कस्बे में सोमवार को आयोजित सर्व धर्म सामूहिक विवाह सम्मेलन का। वर-वधू को आशीर्वाद देने के लिए सभी धर्मो के लोगों का सैलाब उमड़ा था। इस अनूठे विवाह सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के 76 जोड़े हमसफर बने।
एक ओर वेद मंत्रों की गूंज तो दूसरी तरफ कलमे का स्वर। अनेकता में एकता की ऐसी मिशाल जो शायद ही कहीं देखने को मिले। पंडित जहां अग्नि को साक्षी मानकर फेरे करवा रहे थे, वहीं बगल में मौलवी निकाह पढ़वा रहे थे। मौका था बिजौलियां कस्बे में सोमवार को आयोजित सर्व धर्म सामूहिक विवाह सम्मेलन का। वर-वधू को आशीर्वाद देने के लिए सभी धर्मो के लोगों का सैलाब उमड़ा था। इस अनूठे विवाह सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के 76 जोड़े हमसफर बने।
शहनाई की मधुर ध्वनि के बीच सभी जोड़े साथ जीने और मरने की कसमें खा रहे थे तो हजारों की संख्या थी वर-वधू को आशीर्वाद देने वालों की। कार्यक्रम को लेकर उत्साह का आलम ही अलग था। यहां लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ तो फिर थमा नहीं। पंडाल में अलग-अलग अग्निकुण्ड बनाए गए। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पहले वरमाला पहनाइ्र गई। इसके बाद सात फेरे और अन्य रस्में पूरी की गईं।
इससे पहले दूल्हनों को बग्गियों व दूल्हों को घोड़ी पर बैठाकर एक साथ बिन्दौली निकाली गई। बाराती ढोल-नगाड़ों व बैंड पर फिल्मी गीतों पर नाचते गाते चल रहे थे। बिन्दौली जब कार्यक्रम स्थल केसरगंज मोहल्ले के चौथ माता मंदिर परिसर पहुंची तो समिति सदस्यों व जनप्रतिनिधियों ने फूल बरसाकर स्वागत किया। फिर विवाह व निकाह हुए।