बेटी की शादी के लिए मिलनी थी राशि, बच्चे हो गए, पैसे का इंतजार
शुभ शक्ति योजना का सच

भीलवाड़ा।
shubh shakti yojana राज्य सरकार के खर्चे पर अघोषित रोक का असर श्रम कल्याण विभाग की शुभ शक्ति योजना में दिखा। निर्माण श्रमिकों को अपनी बेटियों के कौशल विकास और शादी-ब्याह के लिए ५५ हजार रुपए प्रोत्साहन राशि तय है लेकिन बजट के अभाव में लंबे अर्से से सहायता राशि नहीं मिल पा रही है। पात्र बेटियों के परिजन दफ्तर के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
shubh shakti yojana विभाग की निर्माण श्रमिक को बेटी के कौशल विकास, शादी व अन्य खर्च के लिए ५१ हजार रुपए मदद देने की योजना थी, जिसे 1 जनवरी 2016 से शुभ शक्तियोजना नाम दे दिया गया। अब राशि 55 हजार रुपए कर दी गई। इसके लिए बेटी का अविवाहित, आठवीं पास व पिता का श्रमिक कार्ड जरूरी है। योजना में ५५०० बेटियों के आवेदन आए। विभाग ने ७८२ आवेदन मंजूर तो ३५३ खारिज किए। तीन हजार आवेदन लम्बित हैं लेकिन लंबे अर्से से पैसा नहीं मिल रहा है। विभाग में ८० हजार मजदूर पंजीकृत है।
केस
१. महुआ के मजदूर किशनलाल ने बेटी के कौशल विकास के लिए योजना में आवेदन किया। राशि नहीं मिली, लेकिन पिछले साल बेटी की शादी हो गई। किशन अब राशि के लिए चक्कर काट रहे हैं।
२. शाहपुरा निवासी रामेश्वर ने बेटी के कौशल विकास ने लिए वर्ष २०१७ में आवेदन किया। २०१८ में शादी हो गई और अब तो उसके दो माह का बेटा है लेकिन राशि नहीं मिली।
इनका कहना
-कई मजदूरों ने सहायता मांगी। आज उनकी बेटियों की शादियां हो गई। किसी के बच्चे तक हो गए पर राशि नहीं मिली। सरकार ने इस पर अघोषित रोक लगा रखी है। श्रम आयुक्त से मिलकर सहायता राशि दिलाने की मांग की है।
प्रभाष चौधरी, प्रदेश उपाध्यक्ष भामसं
आठ माह से शुभ शक्ति योजना में बजट नहीं आया। इसके अभाव में किसी को राशि नहीं मिली है। लगभग तीन हजार आवेदन लम्बित हैं जबकि १४०० आवेदन निरस्त कर दिए। राशि आने पर पात्र को राशि दी जाएगी।
संकेत मोदी, उपायुक्त श्रम विभाग
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