मनरेगा से पशुओं को भी मिला आश्रय
भीलवाड़ाPublished: Jul 02, 2020 11:10:15 am
ग्रामीण जॉबकार्ड धारी परिवार को कार्य मांगने पर 100 दिवस का अकुशल श्रम के लिए रोजगार प्रदान किया
Animals also got shelter from MNREGA in bhilwara
भीलवाड़ा।
मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले श्रमिकों के आर्थिक संबंल देने में कारगर साबित हो रही है। योजना के तहत ग्रामीणों के अकुशल श्रम, किसानों को भूमी सुधार में सहयोग, किसानों व पशुपालकों को पशुओं के रहने के लिए पशुआश्रय बनाने में भी सकारात्मक सहयोग प्रदान कर रही है। पशुपालन के क्षेत्र में पशु आश्रय के निर्माण के लिए अधिकतम 75 हजार रुपए की राशि प्रदान की जा रही है। खेतो में सुधार के लिए अधिकतम तीन लाख रुपए की राशि के कार्य भी करवाए जा रहे है। सीईओ गोपाल राम बिरड़ा ने बताया की मनरेगा योजना के माध्यम से ग्रामीण जॉबकार्ड धारी परिवार को कार्य मांगने पर 100 दिवस का अकुशल श्रम के लिए रोजगार प्रदान किया जाता है। लेकिन योजना का उद्वेश्य यह है कि अकुशल श्रम ही एक मात्रा आजीविका का आधार ना हो श्रमिक अपने खेतो व पशुओं के पालन के माध्यम से स्थायी आजीविका आधार तैयार कर पाए। इसी उद्धेश्य को पूर्ण करने के लिए जिले में गत वर्ष में 1495 व्यक्तिगत लाभार्थियों के कार्य स्वीकृत किए गए है। पशुपालन विभाग के अनुसार जिले में लगभग 1 लाख पशुपालक व 24. 45 लाख पशु है। इसे ध्यान में रखते हुए मनरेगा के तहत वर्ष कार्ययोजना में पशुओ के लिए आश्रय स्थल में गाय, भैस, बकरी, मुर्गी आदि के लिए आश्रय स्थल व साथ में वर्मी कम्पोस्ट संरचना आदि भी तैयार करवाए जा रहे है। पशुओ के के लिए उचित ठाण आदि तैयार किए जा रहे है।