जानकारी के अनुसार एसीबी की भीलवाड़ा टीम ने तत्कालीन एएसपी भीमसिंह बीका की अगुवाई में 28 अगस्त 2012 को अजमेर डिस्कॉम के तकनीकी सहायक रामेश्वर मीणा को 800 रुपए घूस लेते पकड़ा था। परिवादी आसीन्द के भैरूखेड़ा निवासी नारायण गुर्जर का आरोप था कि मीणा ने खराब ट्रांसफार्मर बदलने या मरम्मत की एवज में घूस मांगी थी। न्यायालय में चालान पेश होने के बाद गवाहों के बयान लिए जा रहे हैं। न्यायालय से कई बार नोटिस जारी होने के बावजूद बीका गवाही को नहीं आए।
छह बार नहीं आए विशिष्ट न्यायालय ने गत माह गवाही पर नहीं आने पर बीका के गिरफ्तारी वारंट जारी किया। एडीजीपी को तामिल कराने को लिखा। बीका गुरुवार को भी गवाही पर नहीं आए तो विशिष्ट न्यायालय ने गंभीरता से लिया। न्यायालय ने गुरुवार को बीका के खिलाफ फिर गिरफ्तारी वांरट जारी किया और एसीबी के डीजी को भी इस बारे में लिखा। न्यायालय ने डीजीपी से स्पष्ट करने को कहा कि बीका के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट तामिल कराया या नहीं? तामिल कराए तो वो पेश क्यों नहीं हुए। गौरतलब है कि बीका तीन वर्ष पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वो छह बार पेशी पर नहीं आए।