भीलवाड़ा

चार साल से गवाही देने नहीं आ रहे थे एएसपी

दहेज हत्या के आठ साल पुराने मामले में गवाही देने में आनाकानी कर रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र यादव के खिलाफ अदालत ने तल्ख्खी दिख्खाई है। अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायालय (महिला उत्पीडऩ मामलात्) ने एएसपी के खिलाफ सोमवार को गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

भीलवाड़ाOct 25, 2021 / 09:45 pm

Akash Mathur

ASP was not coming to testify for four years

भीलवाड़ा. दहेज हत्या के आठ साल पुराने मामले में गवाही देने में आनाकानी कर रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र यादव के खिलाफ अदालत ने तल्ख्खी दिख्खाई है। अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायालय (महिला उत्पीडऩ मामलात्) ने एएसपी के खिलाफ सोमवार को गिरफ्तारी वारंट जारी किया। वर्तमान में एएसपी यादव जयपुर ग्रामीण में पदस्थापित हैं। एएसपी को ३० नवम्बर को तलाब किया गया है। नियत पेशी पर नहीं आने पर निर्णय पर पडऩे वाले विपरीत असर के लिए उनको जिम्मेदार माना जाएगा।
अक्टूबर-२०१७ से बुलावा, मैसेज भेजकर इतिश्री
विशिष्ठ लोक अभियोजक संजू बापना ने बताया कि मामले में अक्टूबर-२०१७ से अदालत एएसपी यादव को गवाही के लिए तलब कर रहा है। हर बार गवाह कानून व्यवस्था में ड्यूटी में व्यस्त होने का वायरलैस मैसेज भ्भेजकर साक्ष्य से बचने का असफल प्रयास कर रहे। कई मौके देने के बाद भ्भी हाजिर नहीं होने पर अदालत ने नाराजगी जाहिर की। अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए ३० नवम्बर को गवाह के लिए न्यायालय में उपस्थित होने के आदेश दिए।
यह था मामला
२८ जनवरी २०१३ को लक्ष्मणपुरा निवासी नानालाल धाकड़ ने बिजौलियां थाने में रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में बताया कि उसकी बेटी रसीला की शादी छोटी बिजौलियां निवासी सुनील धाकड़ के साथ ६ मई २०१२ को समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में हुई थी। विवाह के एक माह बाद रसीला का ससुराल भेज दिया था। चार माह पूर्व रसीला के साथ मारपीट करके ससुराल वालों ने उसे भगा दिया था। दो माह बाद उसे विश्वास में लेकर ससुराल वाले वापस ले गए। २८ जनवरी २०१३ को रसीला के ससुर ने परिवादी को फोन करके कहा कि उनकी बेटी बेहोश है और बिजौलियां में निजी अस्पताल में भर्ती है। वहां पहुंचने पर रसीला की मौत हो चुकी थी। परिवादी ने मृतका के पति समेत ससुराल वालों पर हत्या की शंका जाहिर की। पुलिस ने दहेज हत्या में मामला दर्ज किया था। इस मामले की जांच माण्डलगढ़ के तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक धर्मेन्द्र यादव के पास थी। बाद में एसपी के आदेश पर जांच डीएसपी शाहपुरा को सौपी गई थी। जांच में धारा ४९८ भ्भी जोड़ी गई। मामला महिला उत्पीडऩ न्यायालय में विचाराधीन है।

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