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बड़लियास पुलिस पर हमला, बचाव में किए हवाई फायर

locationभीलवाड़ाPublished: Dec 16, 2018 08:20:37 pm

Submitted by:

rajesh jain

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attack on Police

पुलिस टीम पर हमला

बरून्दनी. बड़लियास।

चित्तौडग़ढ़ जिले के बेगूं थाना क्षेत्र के मण्डावरी गांव में बड़लियास (भीलवाड़ा) थाने के विशेष पुलिस दल पर डेरे में रहने वाले लोगों ने घेरकर हमला कर दिया। घटना में चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस टीम ने आत्मरक्षा के लिए हवाई फायर किए व रबर की एक राउंड गोलियां चलाई। घायल पुलिसकर्मियों को बाद में बेगूं चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। पुलिस टीम बड़लियास कस्बे में पच्चीस दिन पूर्व स्वर्णकार दम्पती को बंधक बनाकर 70 लाख की नकदी व आभूषण की डकैती के मामले में दबिश देने गई थी।
कस्बे में गत 20 नवम्बर की रात हुई डकैती के मामले में थाना पुलिस की विशेष टीम संदिग्धों की तलाश में लगई हुई थी। बड़लियास थानाधिकारी गोपालराम चौधरी की अगुवाई में चित्तौडग़ढ़ जिले के बेगंू थाना क्षेत्र के मंडावरी स्थित डेरे पर दबिश दी गई। रिजर्व पुलिस लाइन जाब्ता, साइबर सेल जवानों और बड़लियास थाने की टीम मुखबिर की सूचना पर जैसे ही डेरों पर पहुंची थी। वहां करीब दो दर्जन महिला-पुरुषों ने पत्थरों व कुल्हाडि़यों से पुलिस टीम को घेरकर हमला कर दिया। आत्मरक्षा के लिए पुलिस को 12 बोर राइफल से हवाई फ ायर करना पड़ा। रबर की एक राउंड गोलियां भी चलानी पड़ी।
चार पुलिसकर्मी पहुंचे अस्पताल

हमले में पुलिसकर्मी मुखराम, संजीव कुमार, राजेंद्र व शंभू लाल घायल हो गए। उनको बेगंू अस्पताल ले जाया गया। बेगूं थाने में राजकार्य में बाधा पहुंचाने, पुलिस पर प्राण घातक हमला करने का मामला दर्ज कराया गया है। हमले में मुखराम की बाई जांघ, हाथ व दाईं आंख पर चोटें आई। सूचना पर बेगूं पुलिस उपाधीक्षक और थानाधिकारी भी अस्पताल पहुंचे। दूसरी ओर, चित्तौडग़ढ़ पुलिस का कहना है कि बड़लियास थाना पुलिस ने कार्रवाई को लेकर कोई सूचना नहीं दी थी।
बेगूं थाने में मामला दर्ज

कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक दिलीप सैनी ने बताया कि गत दिनों बड़लियास निवासी जमनालाल स्वर्णकार के मकान में हुई डकैती के मामले में विशेष पुलिस टीम जांच कर रही है। मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने कार्रवाई करने गई थी। हमले में घायल पुलिसकर्मियों का उपचार कराया गया। बेगूं थाना पुलिस हमलावरों की तलाश कर रही है।
अपराधियों का ठिकाना

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार मंडावरी के डेरे शातिर अपराधियों के ठिकाने हैं। ये शातिर अपराधी चित्तौडग़ढ़, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा जिले के साथ ही मध्य प्रदेश के नीमच, मन्दसौर जिलें में भी संगीन वारदातों को अंजाम देते हैं। डेरे पर आए दिन पुलिस की दबिश देकर वारदातों में लिप्त लोगों को पकड़ती है।
28 साल पहले सुर्खियों में आया डेरा

28 साल पहले जून 1990 में बेगूं तहसील के एक दर्जन गांव के लोगों ने लामबद्ध होकर मंडावरी डेरे को घेर कर मकानों में आग लगा दी और विस्फोट से नुकसान पहुंचाया था। इस घटना में डेरे के नौ लोगों की मौत हो गई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह की जनता दल सरकार को विपक्ष ने इस वारदात को लेकर घेरा था। तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 27 जून 1990 को मंडावरी का दौरा किया था। राजीव उस दिन भींचोर, बरूंदनी, बड़लियास होकर हमीरगढ़ हवाई पट्टी गए थे। सोनिया गांधी, अशोक गहलोत, शिवचरण माथुर, हरिदेव जोशी, एचकेएल भगत, जगन्नाथ पहाडिय़ा आदि नेता उनके साथ थे।

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