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भीलवाड़ा के इस विभाग में दो हजार रुपए के लेनदेन का ऑडियो वायरल, कंप्यूटरकर्मी को हटाया

locationभीलवाड़ाPublished: Sep 18, 2019 10:08:46 pm

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jasraj ojha

पैसों के लिए बन रहे हैं मजदूर, आखिर कैसे रचा जाल

जसराज ओझा. सुरेश जैन. भीलवाड़ा. मजदूर बनो और जेब भरो। एेसा ही फर्जीवाड़ा श्रम विभाग(
रुड्डड्ढशह्वह्म् ष्ठद्गश्चड्डह्म्ह्लद्वद्गठ्ठह्ल) की योजनाओं में खूब चल रहा है। योजनाओं का फायदा उठाने के लिए कई लोग आलीशान मकान होने के बावजूद खुद को श्रमिक बता श्रम विभाग में पंजीयन करवा रहे हैं। एक मामला तो एेसा सामने आया, जिसमें प्रसूति सहायता का लाभ दिलाने के लिए दो हजार रुपए के लेनदेन की बात का ऑडियो वायरल हुआ है। ऑडियो में आई एक महिला संविदा कंप्यूटरकर्मी को विभाग ने हटाकर जांच शुरू कर दी है। पत्रिका ने श्रमिक कार्ड के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े में तह तक जाने की कोशिश की, तो सामने आया कि कुछ ई-मित्र केंद्र संचालकों के माध्यम से एक गिरोह काम कर रहा है, जो श्रमिक कार्ड बनवा रहा है। यह बात श्रम उपायुक्त ने स्वीकार की है। इसे लेकर उन्होंने अलर्ट भी जारी किया है। आंकड़ों के अनुसार विभाग में ७५,३५९ श्रमिकों का पंजीयन कर कार्ड बनाए गए हैं। विभाग में कुल एक लाख २५,५७३ लोगों ने श्रमिक कार्ड के लिए आवेदन किया। इसमें से १२,१४४ को प्रारंभिक तौर पर ही निरस्त कर दिया गया। कई आवेदन एेसे थे, जो अपात्र होते हुए भी श्रमिक कार्ड बनवाना चाहते थे। विभाग में अभी १९,७३४ आवेदन लंबित हैं।
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ऑडियो को सुना
विभाग में संविदा पर कार्यरत एक कंप्यूटरकर्मी का ऑडियो वायरल हुआ है। इसमें वह प्रसूति सहायता का लाभ दिलाने के नाम पर पैसों के लेनदेन की बातचीत कर रही है। कुछ लोगों ने सोमवार को उप श्रम आयुक्त संकेत मोदी को ऑडियो सुनाया। इस पर मोदी ने लिखित में शिकायत करने को कहा। मोदी ने कहा कि कंप्यूटरकर्मी को फिलहाल विभाग ने हटा दिया है। मामले की विस्तृत जांच की जाएगी।
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दस्तावेज ले आओ, कार्ड हम बनवा देंगे
पत्रिका ने श्रमिक कार्ड को लेकर तीन ई-मित्र केंद्रों पर संपर्क किया। बापूनगर स्थित एक केंद्र के संचालक ने कहा कि श्रमिक कार्ड बना देंगे। आप दस्तावेज ले आओ। उन्होंने इस काम के दो हजार रुपए मांगे। आजाद नगर के एक ई-मित्र संचालक ने कहा, कार्ड बना हुआ है, तो किसी भी योजना का लाभ दिला देंगे। पहले कुछ पैसा देना पड़ेगा। पैसों के बारे में पूछा तो कहा, पहले कार्ड लाओ फिर बात करेंगे।
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पांच हजार लगेंगे, मिल जाएगा फायदा
बागोर के इलेक्ट्रीशियन मुकेश माली ने प्रसूति योजना में आवेदन किया। इसमें २० हजार रुपए मिलते हैं। आवेदन दो बार निरस्त हो गया। माली ने क्षेत्र के एक ई-मित्र संचालक से संपर्क किया तो उसने पांच हजार रुपए पहले मांगे। कुछ दिन बाद पूरे २० हजार रुपए आने की बात कही। इस तरह के कई मामले और भी हैं।
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श्रम उपायुक्त संकेत मोदी से बातचीत
सवाल: श्रमिक कार्ड बनाने को लेकर कई तरह की शिकायतें आ रही हैं। एेसा क्यों ?
यह सही बात है। कई लोग योजनाओं का फायदा लेने के लिए गलत जानकारी दे रहे हैं। हमने प्रारंभिक तौर पर १२ हजार से अधिक आवेदन निरस्त किए हैं।
सवाल: कई लोग श्रमिक नहंी हैं फिर भी कार्ड बनाकर लाभ ले रहे हैं। आपने क्या किया?
दो साल में २९६५ श्रमिक कार्ड निरस्त किए हैं। ये श्रमिक नहीं थे, पर योजनाओं का लाभ लेना चाहते थे। सत्यापन के बाद कार्ड निरस्त किए।
सवाल: प्रसूति योजना का लाभ दिलाने के नाम पर लेनदेन का ऑडियो सामने आया है, क्या मामला है ?
कुछ लोगों ने ऑडियो सुनाया था। मैंने लिखित में शिकायत मांगी है। फिलहाल जो संविदा पर कंप्यूटरकर्मी थी, उसे हटा दिया है। मामले की विस्तृत जांच कराएंगे।
सवाल: कई ई-मित्र संचालक श्रमिक कार्ड बनाने व योजना का लाभ दिलाने के लिए अधिक पैसे मांगते हैं?
हमारे पास भी कई शिकायतें आई हैं। हमारे यहां सबकुछ ऑनलाइन है। श्रमिक नहीं समझते हैं इसलिए किसी को भी पैसा दे देते हैं। कोई भी व्यक्ति श्रम विभाग के नाम पर पैसों की मांग करता है, तो कार्यालय में शिकायत करें। उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
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