scriptटेक्सटाइल कॉलेज से हटा स्वायत्तशासी का लेबल | Autonomous label removed from textile college | Patrika News

टेक्सटाइल कॉलेज से हटा स्वायत्तशासी का लेबल

locationभीलवाड़ाPublished: Mar 06, 2021 12:41:02 pm

मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को राज्य बजट चर्चा के दौरान माणिक्य लाल वर्मा टेक्सटाइल एंड इंजीनियरिंग कॉलेज को बड़ी सौगात दी है। बजट घोषणा से कॉलेज का स्वायत्तशासी का दर्जा समाप्त हो गया है। कॉलेज अब राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा का संघटक कॉलेज हो गया है।

Autonomous label removed from textile college

Autonomous label removed from textile college

भीलवाड़ा। मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को राज्य बजट चर्चा के दौरान माणिक्य लाल वर्मा टेक्सटाइल एंड इंजीनियरिंग कॉलेज को बड़ी सौगात दी है। बजट घोषणा से कॉलेज का स्वायत्तशासी का दर्जा समाप्त हो गया है। कॉलेज अब राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा का संघटक कॉलेज हो गया है। गहलोत की घोषणा के बाद वित्तीय समस्या से जुझ रहे कॉलेज को बड़ी राहत मिलेगी । संघटक कॉलेज बनने से कॉलेज को तकनीकी विश्वविद्यालयों को देय सुविधा व राजकीय फंड भी मिल सकेगा। इसी प्रकार विद्यार्थियों की घटती संख्या एवं अधिकारियों व कर्मचारियों के बढ़ते वेतन से बने असंतुलन की स्थिति भी सुधरेगी।
वित्तीय संतुलन आएगा
प्राचार्य डॉ. धीरेन्द्र शर्मा ने बताया कि तकनीकी शिक्षा के हित में यह बड़ी घोषणा है। उन्होंने बताया कि यहां चार वर्षीय विभिन्न कोर्स संचालित है, इनमें करीब 1200 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। इसी प्रकार कुल125 का स्टाफ है। कोटा का संघटक कॉलेज बनाए जाने से वित्तीय समस्याओं का भी समाधान होगा और सुविधा व संसाधन भी बढ़ेगे।
संगठन ने जताई खुशी
राजस्थान के एकमात्र टेक्सटाइल कॉलेज के पूर्णत: सरकारीकरण की मांग को लेकर संयुक्त कर्मचारी-अधिकारी महासंघ मालाव आंदोलन की राह पर था। अध्यक्ष अध्यक्ष मनोज शर्मा, सचिव सत्यनारायण शर्मा, रेक्टा के प्रदेश सचिव श्याम सुंदर बैरवा, डॉ. रितेश सारस्वत, अनुराग जागेटिया, पृथ्वीराज शर्मा ने कॉलेज को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा का संघटक कॉलेज घोषित करने पर खुशी जाहिर की है।
यहां भी जिले को फायदा

– राज्य के विद्यालयों, जिनमें कक्षा 6 से 8 में 10 से अधिक विद्यार्थी अल्पसंख्यक भाषा में अध्ययन के इच्छुक होंगे, उन विद्यालयों में अल्पसंख्यक तृतीय भाषा (संस्कृत, उर्दू, सिंधी, गुजराती, पंजाबी) के अतिरिक्त शिक्षक लगाए जाने का भी फायदा भी जिले को मिलेगा।
– प्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर स्किल टेस्टिंग व कैरियर काउंसलिंग सेंटर्स स्थापित किए जायेंगे। जिससे उद्योगों की मांग के अनुरूप कुशल एवं अकुशल श्रमिक मिल सकेंगे। इससे वस्त्रनगरी में भी स्किल डवलप होगा।
– राज्य की प्रत्येक नगरपालिका में एक, नगर परिषद में 3 में पांच-पांच ओपन जिम स्थानीय पार्कों में स्थापित किए जाने से भी जिले के नगरीय पार्कों में सुविधा बढ़ेगी।
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