दो मीटर जमीन से अजोला ने दी रोजगार की राह
भीलवाड़ाPublished: Jul 10, 2020 09:39:30 am
प्रवासियों को रोजी-रोजगार की राह
Azola gave way to employment from two meters of land in bhilwara
भीलवाड़ा . कोरोना के कारण हजारों प्रवासी भीलवाड़ा जिले में लौटे हैं। राज्य सरकार इन्हें रोजगार देने में जुटी है। इस दिशा में राजस्थान पत्रिका भी कृषि विभाग के विशेषज्ञों की राय के आधार पर प्रवासियों को रोजी-रोजगार की राह दिखा रहा है। जानते हैं अजोला से कैसे रोजगार पाया जा सकता है।
अजोला पानी की सतह पर पैदा होने वाला एक हरे रंग का फर्न है। इसका उपयोग जैविक खाद के साथ ही पशु आहार के रूप में होता है। महज दो मीटर जमीन पर क्यारी बनाकर दस हजार रुपए की लागत से इसकी खेती की जा सकती है। इससे हर महीने दस हजार की कमाई होगी। वर्तमान में इसका बिक्री मूल्य 300 रुपए किलो है।
अजोला का उपयोग
अजोला पशु आहार के साथ हरी खाद भी है। इसे पशुओं का च्यवनप्राश भी कहते हैं। अजोला की पिन्नाटा प्रजाति भारत में लोकप्रिय है। अजोला में प्रोटीनए अमीनो एसिडए विटामिन एए बी12 एवं बीटा कैरोटीन, कैल्सियम, फास्फोरस, पोटैशियम, आयरन, मैग्नेशियम, कॉपर जैसे तत्व पाए जाते हैं। गाय, भैंस, के साथ मुर्गी, बकरी आदि के लिए भी यह उत्तम आहार है। प्रति दुधारू पशु को एक से डेढ़ किलो प्रतिदिन खिला सकते हैं। इससे दूध में 20 प्रतिशत की वृद्धि हो जाती है। हरी खाद के रूप में भूमि की उर्वरक शक्ति बढ़ाने में भी यह काम करता है।
यहां से लें सकते है सहयोग
– राज्य के सभी कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केंद्र
– कृषि विभागए किसान सलाहकारए आत्मा परियोजना के उप निदेशक
इस तरह कर सकते हैं अजोला की खेती
आत्मा परियोजना के उपनिदेशक डॉ. जीएल चावला ने बताया कि दो मीटर लंबाए दो मीटर चौड़ा और 20 से 30 सेंटीमीटर गहरे आकार की क्यारी में मोटी प्लास्टिक या टारपोलीन सीट डालें। इस क्यारी में एक क्विंटल उपजाऊ मिट्टी, तीन दिन पुराना गोबर, 15 लीटर पानी का मिश्रण बनाएं। इसमें दो किलो ताजा अजोला मिला दें। क्यारी में दस सेंटीमीटर पानी हमेशा रखें। 21वें दिन से प्रति क्यारी प्रतिदिन आधा किलो से एक किलो तक उत्पादन मिलता है। अगर 50 किलोग्राम गोबर खाद में 20 ग्राम सुपर फॉस्फेट मिला दें तो उत्पादन और बढ़ जाएगा। इससे किसान को कम से कम 10 हजार रुपए महिने की अतिरिक्त आय भी हो सकेगी।