बैंकों को नहीं भाती सिक्कों की खनक
भीलवाड़ाPublished: Dec 02, 2020 10:52:20 am
ग्राहकों के सिक्के जमा करने पर कर रहे आनाकानी
Banks don’t like coins in bhilwara
सुरेश जैन
भीलवाड़ा.
यहां के बाजार में सिक्कों की कीमत धेले की भी नहीं रही। १० रुपए का सिक्का तो भीलवाड़ा के बाजार पहले ही लेने से मना कर रहे थे, अब तो एक व दो रुपए के सिक्के लेने में आनाकानी शुरू हो गई है। दुकानदार या ऑटो चालक ही क्यों, यहां तो बैंक भी ग्राहक से सिक्के लेने में आनकानी करता है।
भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश के बावजूद शहर की बैंक शाखाओं में सिक्के जमा करने गए ग्राहकों को लौटा दिया जाता है। कई बार बैंक में सिक्के न लेने पर बैंककर्मी व ग्राहकों के बीच नोकझोंक भी होती है। बैंकों में सिक्के जमा न होने के कारण असर बाजार में दिखने लगा है। दुकानदारों और ग्राहकों के बीच रेजगारी को लेकर बहस आम बात है।
आरबीआइ की गाइडलाइन
रिजर्व बैंक ने बैंकों में सिक्के जमा करने की सीमा तय नहीं की। हालांकि सिक्का अधिनियम 2011 की धारा 6 (1) के अनुसार किसी भी मूल्य वर्ग के सिक्के एक रुपए से कम नहीं हों व कुल एक हजार रुपए तक के भुगतान के लिए वैध रहेंगे। हालांकि नोटबंदी के दौरान बैंकों ने दो हजार और अधिक के सिक्के लोगों को जारी किए। बैंकों ने आरबीआइ के नियम का पालन नहीं किया और जनता को सिक्कों के बोझ तले दबा दिया। इससे बाजार में सिक्कों की बाढ़ आ गई। उन्हें जमा करने में बैंकों की आनाकानी ने बाजार में असमंजस पैदा कर दिया। ग्राहकों से व्यापारी सिक्के नहीं ले रहे हैं और ग्राहक सिक्के खपाने के लिए परेशान हैं। एक अनुमान के मुताबिक बाजार में एक हजार करोड़ रुपए के सिक्के प्रचलित हैं।
दुकानदार देता है, वापस नहीं लेता
नोटबंदी के दौरान नकदी संकट को देख बैंकों ने शाखाओं के माध्यम से खाताधारकों को भारी मात्रा में सिक्कों से भुगतान किया। सिक्के बाजार में दौड़ते रहे लेकिन अधिकता के बाद बैंकों ने सिक्के जमा करने में आनाकानी शुरू कर दी। नतीजा यह हुआ कि व्यापारी भी ग्राहक से सिक्के लेने से बचने लगे। हालांकि व्यापारी ग्राहक को सिक्के देते हंै, लेकिन लेते समय मना कर देते हैं।
जयपुर में चलते, भीलवाड़ा में नहीं
दस रुपए का सिक्के जयपुर समेत अधिकतर शहरों में बिना रोक-टोक चल रहे हैं। लेकिन ये सिक्के भीलवाड़ा में चलन से बाहर कर दिए गए। दस के सिक्के से लोग परहेज करते हैं। सिक्कों के लेनदेन से मनाही करने वाले व्यापारियों पर प्रशासन ने कार्रवाई की चेतावनी दी लेकिन असर नहीं हुआ। कारण बैंक सिक्के लेने से मना करते रहे और उन पर दवाब नहीं बन सका। बैंक एक दिन में एक व्यक्ति से एक हजार रुपए तक के सिक्के ले सकते है।
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कोई मना नहीं कर सकता
भारतीय सिक्कों को कोई भी व्यक्ति या बैंक लेने से मना नहीं कर सकता है। यहां भीलवाड़ा में दस के सिक्के लोग नहीं लेते है। यह गलत सोच है कि कहीं ये नकली तो नहीं है। ऐसा कुछ भी नहीं है। सिक्के कोई लेने से मना करता है और उसकी कोई शिकायत करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
सौराज मीणा, लीड बैंक मैनेजर, भीलवाड़ा