scriptभक्तामर आरती के चार वर्ष पूर्ण होने पर आरके जैन मंदिर में भक्तामर महामण्डल विधान पूजन | Bhaktamar Vidhan Puja on completion of four years of Bhaktamar | Patrika News

भक्तामर आरती के चार वर्ष पूर्ण होने पर आरके जैन मंदिर में भक्तामर महामण्डल विधान पूजन

locationभीलवाड़ाPublished: Dec 14, 2019 06:19:53 pm

Submitted by:

Suresh Jain

संस्कार पाठशाला के बच्चों ने संस्कृत में किया भक्तामर का उच्चारण

Bhaktamar Vidhan Puja on completion of four years of Bhaktamar in bhilwara

Bhaktamar Vidhan Puja on completion of four years of Bhaktamar in bhilwara

भीलवाड़ा ।

Bhaktamar Mahamandal Vidhan Pujan गर म्होरो चाले तो, हीरा मोतियां सू नजर उतार द्यू। आदि भजनों के साथ नृत्य करते हुए श्रावक-श्राविकाओं ने भक्तिभाव से तरणताल के सामने स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में शनिवार सुबह पण्डित अनुज शास्त्री के निर्देशन में सुरेन्द्र गोधा, राजेन्द्र सेठी, पूनम कोठारी, वीणा मंगल के सहयोग से भक्तामर महामण्डल विधान पूजन किया।
Bhaktamar Mahamandal Vidhan Pujan आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेश गोधा ने बताया आरके कॉलोनी दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि सुधासागर के आर्शीवाद से 14 दिसम्बर 2015 को असीमकालीन नित्य प्रति भक्तामर आरती देश में प्रथम बार आरके कॉलोनी मंदिर से प्रारम्भ की गई। शनिवार को इस आरती के निर्बाध रुप से चलते हुए 4 वर्ष पूरे होने पर विशेष आयोजन के रुप में भक्तामर मण्डल विधान किया गया। सायंकाल श्रावक-श्राविकाएं भक्तामर के 48 काव्य में प्रत्येक काव्य पर एक-एक दीप प्रज्जवलित करते है। बाद में 48 दीपक से आरती करते है। मुनि सुधासागर ने इस तरह की आरती सभी तरह रोग, आधि-व्याधि के निवारण के लिए उपयोगी बताया था। भीलवाडा से प्रारम्भ होकर अब इस तरह से भक्तामर आरती देश में सैकडों स्थानों पर प्रचलित हुई है।
इससे पूर्व अशोक सोनी व महेन्द्र सेठी ने शांतिधारा की। विधानपूजन में चैनसुख शाह, राजकुमार सेठी, शांतिलाल शाह, आत्मप्रकाश लुहाडिया, नेमीचन्द सोनी, विजय चौधरी, कैलाश पाटनी, विनोद बाकलीवाल, वेदप्रकाश बडजात्या, मिश्रीलाल अग्रवाल, महावीर सेठी, मंजु शाह, अलका कोठारी, कान्ता पाटनी, पिंकी शाह आदि श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे। शाम को संगीतमय भक्तामर आरती का आयोजन किया गया। मुख्य आरती राकेश-मोनिका पहाडिया, नेमीचन्द-प्रमोद सोनी, कैलाश-पदमा झांझरी ने की। संस्कार पाठशाला के बच्चों ने संस्कृत में एवं उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं ने हिन्दी में कमलनयन शाह के संयोजन में भक्तामर का पाठ किया। पाठ का प्रारम्भ श्राविकाओं एवं बच्चों ने मंगलाचरण नृत्य से किया। बीच-बीच में संस्कार पाठशाला के बच्चों एवं श्राविकाओं ने भक्तिनृत्य किए।
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