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ट्रॉली बैग में रखा बच्चा, 118 किमी की पदयात्रा पर निकले दंपती, 12 साल बाद मन्नत हुई पूरी

शादी के बारह साल बाद घर में बच्चे की किलकारी गूंजी तो परिवार खुशियों से झूम उठा। मनोकामना पूरी होने पर बच्चे को लेकर दंपती माता के दरबार में धोक देने पैदल निकल पड़े।

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भीलवाड़ा। शादी के बारह साल बाद घर में बच्चे की किलकारी गूंजी तो परिवार खुशियों से झूम उठा। मनोकामना पूरी होने पर बच्चे को लेकर दंपती माता के दरबार में धोक देने पैदल निकल पड़े। दंपती ने बच्चे को ट्रॉली बैग में रखा और नंगे पांव 118 किमी की पदयात्रा पर रवाना हुए।

भीलवाड़ा-कोटा राजमार्ग पर रविवार को ट्रॉली बैग में बच्चे को देख लोगों को अचरज जताया। ट्रॉली बैग में बच्चा चर्चा का विषय बना है। दंपती सोमवार को जोगणिया माता में बच्चे को धोक दिलाएंगे।

जानकारी के अनुसार जिले के बागोर के निकट रहने वाले दंपती की शादी बारह साल पहले हुई थी। इनके बच्चा नहीं था। जोगणिया माता से मन्नत मांगी। बच्चे का जन्म हुआ और मनोकामना पूरी होने पर उसे माता का आशीर्वाद दिलाने नवरात्र में पदयात्री की ठानी। बच्चा इतना छोटा है कि मां के बिना रह नहीं सकता।

बागोर से जोगणिया माता 118 किलोमीटर है। ऐसे में बच्चे को ट्रॉली बैग में रखकर साथ ले जाने का निर्णय किया। दंपती शनिवार शाम बागोर से रवाना हुए। रविवार सुबह भीलवाड़ा पहुंचे। यहां कोटा रोड पर लंगर लेने रूके। नवजात को ट्रॉली बैग में देखकर लोग दंग रह गए। दंपती कुछ देर रूकने के बाद जोगणिया माता रवाना हो गए। वे सोमवार शाम जोगणिया माता पहुंचेंगे।