मंगरोप थानाप्रभारी मोतीलाल रायका और पुर थानाप्रभारी गजराज चौधरी को एक प्रकरण में जांच होने तक हटाने से विवाद खड़ा हुआ। दोनों को हटाने के आठ घंटे के भीतर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा का तबादला अजमेर हो गया। उसके बाद से यहां किसी को नहीं लगाया गया। जनप्रतिनिधि चेहते आईपीएस को लाने को अड़े है। इसके चलते सरकार भी आईपीएस के नाम को लेकर उलझ रही है। चर्चा है कि प्रदेश में एक जिला एसपी को लाने के लिए बात चल रही है। लेकिन वहां उपचुनाव और आचार संहिता लगने से तबादला सम्भव नहीं हो रहा। इसी के चलते इंतजार बढ़ रहा है।
लोगों का कहना यह भी है कि सिफारिश पर आने वाले आईपीएस जिला कैसे संभालेगे। किस तरह अपराधियों पर लगाम लग पाएगी। जनप्रतिनिधि की सिफारिश पर आने पर नेताजी का ख्याल रखना पड़ेगा। पहले से ही जिला अवैध बजरी खनन, लूट-चोरी, महिला अत्याचार, अपराधियों से मिलीभगत में बदनाम है।