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भीलवाड़ा को नहीं मिला एसपी, बारावफात पर कमान संभालने आईजी को आना पड़ा

locationभीलवाड़ाPublished: Oct 19, 2021 10:40:18 pm

Submitted by:

Akash Mathur

प्रदेश में भीलवाड़ा जिला एेसा होगा जहां सरकार को एसपी के लिए आईपीएस नहीं मिल रहा। सियासी घमासान में उलझने से एक सप्ताह हो गया और नए एसपी के नाम की घोषणा नहीं हुई है। जिले में मंगलवार को ईद मिलादुन्नबी होने से पुलिस अधीक्षक नहीं होने पर अजमेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) एस सेंगाथिर को भीलवाड़ा आकर कानून व्यवस्था की कमान संभालनी पड़ी।

Bhilwara did not get SP, IG had to come to take command on Barawafat

Bhilwara did not get SP, IG had to come to take command on Barawafat

भीलवाड़ा. प्रदेश में भीलवाड़ा जिला एेसा होगा जहां सरकार को एसपी के लिए आईपीएस नहीं मिल रहा। सियासी घमासान में उलझने से एक सप्ताह हो गया और नए एसपी के नाम की घोषणा नहीं हुई है। जिले में मंगलवार को ईद मिलादुन्नबी होने से पुलिस अधीक्षक नहीं होने पर अजमेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) एस सेंगाथिर को भीलवाड़ा आकर कानून व्यवस्था की कमान संभालनी पड़ी। प्रदेश में संवेदनशील जिलों में शुमार भीलवाड़ा में बड़े पुलिस अधिकारी का रहना जरूरी थी। इसके चलते आईजी भीलवाड़ा आए।
जानकारी के अनुसार शाहपुरा एएसपी चंचल मिश्रा कार्यवाहक एसपी का पदभार संभाल रही है। पुलिस अधीक्षक नहीं लगाए जाने से ईद मिलादुन्नबी को लेकर आईजी सेंगाथिर दोपहर में भीलवाड़ा पहुंचे। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बैठकर जिले की कानून व्यवस्था पर नजर रखी। दिनभर आईजी भीलवाड़ा रहे। उसके बाद अजमेर गए। इसे लेकर पुलिस महकमे और लोगों में खासी चर्चा रही। एक सप्ताह से जिला बिना एसपी के चल रहा है।
आखिर पेंच कहां अटका
मंगरोप थानाप्रभारी मोतीलाल रायका और पुर थानाप्रभारी गजराज चौधरी को एक प्रकरण में जांच होने तक हटाने से विवाद खड़ा हुआ। दोनों को हटाने के आठ घंटे के भीतर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा का तबादला अजमेर हो गया। उसके बाद से यहां किसी को नहीं लगाया गया। जनप्रतिनिधि चेहते आईपीएस को लाने को अड़े है। इसके चलते सरकार भी आईपीएस के नाम को लेकर उलझ रही है। चर्चा है कि प्रदेश में एक जिला एसपी को लाने के लिए बात चल रही है। लेकिन वहां उपचुनाव और आचार संहिता लगने से तबादला सम्भव नहीं हो रहा। इसी के चलते इंतजार बढ़ रहा है।
सिफारिश पर आए तो
लोगों का कहना यह भी है कि सिफारिश पर आने वाले आईपीएस जिला कैसे संभालेगे। किस तरह अपराधियों पर लगाम लग पाएगी। जनप्रतिनिधि की सिफारिश पर आने पर नेताजी का ख्याल रखना पड़ेगा। पहले से ही जिला अवैध बजरी खनन, लूट-चोरी, महिला अत्याचार, अपराधियों से मिलीभगत में बदनाम है।
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