एनजीटी के निर्देश पर मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल, महेश कुमार, हितेश उपाध्याय, नगर निगम के अधिशासी अभियन्ता पवन नुवाल और याचिकाकर्ता बाबूलाल जाजू के साथ तालाब का सोमवार को निरीक्षण किया। टीम को हालात में सुधार नहीं मिला। तालाब में गंदे पानी की आवक रूक नहीं रही।
नगर निगम ने एनजीटी में शपथपत्र दे रखा है कि अब नालों का पानी इसमें नहीं गिरने देंगे, इसके बावजूद हालात जस के तस है। तालाब से मिट्टी निकालने से लेकर नाला निर्माण व गंदा पानी रोकने के लिए अब तक 8 करोड़ से अधिक की राशि व्यय हो चुकी है। निरीक्षण में तालाब के फाउंटेन बंद मिले। तालाब से हरीघास आज से हटाना शुरू किया। एक इंच की चादर चलती मिली। बंधे पर हरी घास जमी थी। शास्त्रीनगर नाले पर कचरा भरा हुआ था।
अधिकारियों से लेंगे रिपोर्ट धनेटवाल ने बताया कि तालाब में आने वाले सात नाले, ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में लगे सर्विस सेंटर, मकानों की संख्या तथा कितना पानी नाले के माध्यम से तालाब में आ रहा है, की जानकारी निगम से लेंगे। पवन नुवाल ने बताया कि तालाब के किनारे एक करोड़ की लागत से नाले का निर्माण होगा। इसकी डीपीआर की स्वीकृति मिलने पर काम होगा।